बरौली. प्रखंड की नवादा पंचायत के ग्रामीण कई दिन से डीडीसी अभिषेक रंजन का इंतजार कर रहे हैं लेकिन उनका इंतजार अब तक पूरा नहीं हो सका है. डीडीसी ने मंगलवार को भी आने का वादा किया, लेकिन नहीं आये. अब उनके आने का कयास अंतिम चरण के लोकसभा चुनाव के बाद लगाया जा रहा है. इधर डीडीसी के नवादा नहीं आने से ग्रामीणों में बेचैनी बढ़ती जा रही है. बुधवार को नवादा पंचायत के मुखिया दिलीप कुमार, सरपंच हरिहर सिंह कई ग्रामीणों के साथ बीडीओ से मिले तथा करीब डेढ़ सौ ग्रामीणों का हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन बीडीओ मुकेश कुमार को सौंपा तथा उनकी समस्या का समाधान करने की बात कही. मुखिया तथा सरपंच ने बताया कि 2023 में तत्कालीन डीएम ने रेलवे के अभियंता को आदेशित किया था कि चंदन टोला ढाला बंद करने के कारण ग्रामीणों को परेशानी हो रही है, आवागमन सुचारु रहे, इसके लिए रेलवे द्वारा तत्काल कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जाये, लेकिन यह आदेश कागज में ही रह गया, रेलवे ने ढाला बंद करने के साथ ही सड़क को काट भी दिया. आवागमन बंद होने से चंदन टोला के ग्रामीणों की जमीन बंजर होने लगी, वे फांकाकशी के शिकार होने लगे तथा पशुपालक किसानों ने पशुओं को हटा दिया तथा स्वयं गांव से पलायन करने का मूड बना लिया. यहां रेलवे लाइन पर दर्जनों पशु तथा आधा दर्जन से अधिक मनुष्य पटरी पर कट गये. रेलवे के अधिकारियों, डीएम, बीडीओ आदि को आवेदन देकर ग्रामीण लगातार ढाला खोलने की गुहार लगाते रहे हैं, लेकिन अब तक समस्या जस की तस है. थक-हार कर ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार भी किया, लेकिन अधिकारियों के समझाने तथा अगले दिन समस्या का समाधान बैठकर आपस में कर लिये जाने के आश्वासन पर वोट देने को राजी हुए. लेकिन दिन गुजरते जा रहे हैं और समस्या का समाधान नहीं होने से बेचैनी बढ़ती जा रही है. जिप प्रतिनिधि मो. फैज, स्थानीय प्रतिनिधियों तथा ग्रामीणों ने कहा कि अब हम एक बार फिर रेलवे ढाले के लिए चरणबद्ध आंदोलन करने को तैयार हो रहे हैं.
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