दलसिंहसराय : शहर में वर्षों से जाम की समस्या से जूझ रहे लोगों को अब निजात मिलने की आस जगी है. रोसड़ा से बाया जंदाहा-हाजीपुर स्टेट हाइवे 88 के दलसिंहसराय क्षेत्र स्थित समस्तीपुर- बरौनी रेलखंड के 34 और 35 नंबर रेलवे गुमटी के बीच बन रहे रोड ओवरब्रिज निर्माण का कार्य अंतिम दौर में है. बुधवार को एसडीएम प्रियंका कुमारी, सीओ नेहा कुमारी के साथ ब्रिज निर्माण कंपनी बीएसआरडीसी के जीएम राज कुमार सहित अन्य तकीनिकी अधिकारी की उपस्थित में गार्डर प्लेट लांच अधिकारी बीके सिंह की देखरेख में रेलवे ब्लॉक लेकर दो गार्डर प्लेट को तीन हैवी क्रेन के माध्यम से दो पिलर पर चढ़ाया गया. जिसे देखने के लिए आसपास के लोगों की भीड़ लग गई. जानकारी देते हुए जीएम राज कुमार ने बताया कि रेलवे से गार्डर प्लेट चढ़ाने के लिए तीन दिनों का तीन तीन घंटे का रेलवे ब्लॉक मिला है. इसमें अप व डाउन लाइन की गाड़ी प्रभावित होंगी. ओवरब्रिज पर कुल पांच गार्डर प्लेट चढ़ाया जाना है. इसमें आज दो गार्डर प्लेट को चढ़ाया गया है. शेष तीन गार्डर प्लेट को 30 मई और दो जून को चढ़ाया जायेगा. इसके अलावा अगले तीन दिन 4 और 6 जून को गार्डर प्लेट पर स्टीयरिंग का कार्य होगा. 26 जून को ओवरब्रिज पर कालीकरण कार्य होगा. तीनों दिन रेलवे का द्वारा ब्लॉक दिया गया है. सभी कार्य पूर्ण होने के बाद ही 15 जुलाई के आसपास रोड ओवरब्रिज पर आवागम शुरू कर दिया जायेगा. इसके बाद शहर में लोगों को जाम से निजात मिलेगी. दलसिंहसराय को सौगात के रूप में मिलने वाले आरओबी का जल्द ही आमलोग उपयोग कर सकेंगे. यह अनुमंडल का पहला आरओबी होगा. शहर के रेलवे गुमटी संख्या 34 व 35 के मध्य में निर्माणाधीन आरओबी को पूर्णता प्रदान करने के लिये निर्माण कंपनी के इंजीनियर एवं मजदूर दिन रात लगातार कार्य कर रहे हैं. कंपनी ने जुलाई 2024 तक आरओबी एवं पहुंच पथ का निर्माण पूरा करने का टारगेट लिया है. इसके पूर्ण होते ही दलसिंहसराय शहर को हद तक जाम से निजात मिल जायेगा. समस्तीपुर जिले के वरुणा पुल से दरभंगा के ररियाही घाट तक 114.5 किमी. में निर्माणाधीन एसएच 88 में आरओबी एवं पहुंच पथ के अपूर्ण रहने से इस हाइवे का सही लाभ लोगों को अब तक नहीं मिल सका. परन्तु अब ओवरब्रिज बन जाने से यह पूरी तरह से आवागमन के लिए तैयार हो जायेगी. वर्ष 2013 में टेंडर की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद भू अधिग्रहण, अतिक्रमण एवं अन्य तकनीकी समस्याओं को दूर करने के बाद हाल के वर्षों में निर्माण कार्य में तेजी आयी. लेकिन 10 वर्षों की लंबी अवधि के बाद भी लगभग 700 करोड़ की लागत से बनने वाले एसएच 88 का निर्माण ओवर ब्रिज के कारण पूर्ण नहीं हो सका. यह अब पूरा होता दिख रहा है.
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