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मुसाबनी : सुरदा खदान में लेबर सप्लाई के लिए 87 पार्टियों ने डाला टेंडर

ठेका कंपनी एमएमपीएल 31 मई तक आवश्यक सेवा का संचालन करेगी, एक जून से एचसीएल खुद पानी निकासी व आवश्यक सेवाओं को देखेगी, टेंडर लेने वाली पार्टी को रोजाना करीब 100 लेबर की सप्लाई करनी पड़ेगी

मुसाबनी. हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल) की सुरदा खदान का संचालन करने वाली ठेका कंपनी एमएमपीएल को 31 मई तक पानी निकासी समेत आवश्यक सेवाओं का संचालन करना है. एक जून से एचसीएल संचालन की जिम्मेदारी संभालेगी. इसके लिए एचसीएल ने लेबर कांट्रैक्ट के लिए टेंडर आमंत्रित किया है. जानकारी के मुताबिक, 87 पार्टियों ने टेंडर डाला है. 30 मई को माइंस में लेबर सप्लाई कांट्रैक्टर का चयन होगा. इसके तहत प्रतिदिन लगभग 100 मजदूर की आपूर्ति ठेकेदार को करनी है.

माइनिंग चालान नहीं मिलने पर ठेका कंपनी ने हाथ खींचे

ग्लोबल टेंडर के माध्यम से सुरदा माइंस के संचालन का ठेका एमएमपीएल को मिला है. 15 अप्रैल 22 से एमएमपीएल ने सुरदा माइंस में काम शुरू किया. 24 जून 22 को अयस्क लदे हाइवा का सांसद ,विधायक व डीएफओ ने हरी झंडी दिखाकर चालू किया था. पांच हजार टन का माइनिंग चालान मिला था. 7 जुलाई, 22 से माइनिंग चालान के समाप्त होने से सुरदा माइंस से अयस्क का परिवहन ठप है. माइनिंग चालान सुरदा माइंस के संचालन में बाधा है. एचसीएल प्रबंधन लगभग दो वर्षों से माइनिंग चालान के लिए प्रयासरत है. अबतक मामला लटका हुआ है. माइनिंग चालान नहीं मिलने से माइंस का संचालन करने वाली ठेका कंपनी ने उत्पादन बंद कर माइनिंग डेवलपमेंट का काम लगभग डेढ़ वर्षों तक किया.

60 हजार टन अयस्क खुले में पड़ा है

सुरदा माइंस में 60 हजार टन से अधिक अयस्क खुले आसमान के नीचे पड़ा है. धूप, बारिश और हवा में लंबे समय खुले में रहने के कारण अयस्क में तांबे का ग्रेड लगातार घट रहा है. यह राष्ट्रीय क्षति है. माइंस की लीज और पर्यावरण स्वीकृति के क्षेत्रफल में अंतर के कारण माइनिंग चालान मिलने में बाधा है. माइनिंग चालान नहीं मिलने से परेशान होकर ठेका कंपनी एमएमपीएल ने 28 फरवरी, 24 को नोटिस के माध्यम से सूचित किया कि 31 मार्च 24 तक ही सुरदा माइंस का संचालन करेगा. इसकी सूचना पाकर मजदूरों को रोजगार की चिंता सताने लगी. मजदूरों ने आंदोलन किया. मजदूरों के आंदोलन को देखते हुए एचसीएल ने ठेका कंपनी एमएमपीएल को अगले दो माह तक सुरदा माइंस को संचालित करने का आदेश दिया. इसके तहत एमएमपीएल ने 31 मई तक सुरदा माइंस में पानी निकासी और अन्य आवश्यक सेवाओं को संचालित करने पर सहमत हुई.

चालान मिलने के बाद फिर एमएमपीएल को मिलेगी जिम्मेदारी

माइनिंग चालान मिलने के बाद फिर से ठेका कंपनी एमएमपीएल सुरदा माइंस के संचालन की जिम्मेदारी संभालेगी. दो माह पानी निकासी समेत अन्य आवश्यक सेवाओं के संचालन की एवज में ठेका कंपनी एमएमपीएल को कोई राशि नहीं मिलेगी. ग्लोबल टेंडर की शर्तों के मुताबिक, ठेका कंपनी को सुरदा माइंस में उत्पादन और खनन विकास का भुगतान एचसीएल को करना है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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