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राउरकेला : अवैध खनन के कारण सरकारी परियोजनाओं के लिए हो सकती है बालू की किल्लत

राउरकेला ग्रामीण निर्माण विभाग (आरडब्ल्यू डिवीजन) की ओर से अगले पांच वर्षों में कई सड़कों का निर्माण किया जाना है. लेकिन यदि बालू का अवैध खनन नहीं रोका गया, तो आने वाले दिनों में बालू की किल्लत हो सकती है.

राउरकेला. राउरकेला ग्रामीण निर्माण विभाग (आरडब्ल्यू डिवीजन) की ओर से अगले पांच वर्षों में कई सड़कों का निर्माण किया जाना है. इस विभाग के अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम्य सड़क योजना, मुख्यमंत्री सड़क योजना आदि विभिन्न योजनाओं के तहत सड़कों का निर्माण किया जायेगा. इन प्रस्तावित सड़कों के निर्माण के लिए 7 लाख 57 हजार 72 घन मीटर बालू की आवश्यकता होगी. लेकिन यदि बालू का अवैध खनन नहीं रोका गया, तो आने वाले दिनों में बालू की किल्लत हो सकती है.

सड़क परियोजनाओं के लिए 7.57 क्यूबिक मीटर बालू की आवश्यकता

जानकारी के अनुसार, अगले पांच वर्षों में यानी 2024-25 और 2028-29 के बीच, अकेले सड़क परियोजनाओं के लिए 7,57,072 क्यूबिक मीटर बालू की आवश्यकता होगी. चालू वित्तीय वर्ष में यानी 2024-25 में 1,02,028 घन मीटर, 2025-26 में 91,825 घन मीटर, 2026-27 में 93,662 घन मीटर, 2027-28 में 95,535 घन मीटर और 2028-29 में 97,446 घन मीटर बालू का इस्तेमाल किया जायेगा. क्षेत्र में पुल, भवन और अन्य परियोजनाओं को पूरा करने की योजना है. इन सभी परियोजनाओं में बहुत अधिक मात्रा में बालू का उपयोग होगा. लेकिन अब लगातार हो रहे बालू के अवैध खनन ने विभाग की चिंता बढ़ा दी है.

बिना लाइसेंस बालू का हो रहा उठाव

राउरकेला के आसपास बालू माफियाओं ने पहले ही बालू के टीलों को खाली कर दिया है. बिना लाइसेंस के बालू घाटों से नियमित रूप से बालू का उठाव किया जा रहा है. फिर अलग-अलग इलाकों में पहले से ही अनैतिक तरीके से बालू एकत्र कर भंडारण किया जा रहा है. उदाहरण के लिए लुआकेरा बालू घाट से डोंगा घाट (सेक्टर-16) तक एक भीतरी सड़क है. उक्त सड़क के जरिये बालू की ढुलाई होती है. उक्त सड़क के दोनों किनारों पर भारी मात्रा में बालू का ढेर लगा दिया गया है. हालांकि, उक्त बालू का राजस्व वसूला गया है या नहीं, इस बारे में बताने वाला कोई नहीं है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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