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छापेमारी के बावजूद नहीं रुक रही बालू की चोरी

एक अप्रैल से 29 मई तक बालू के अवैध खनन, परिवहन व भंडारण को लेकर 55 लोगों के विरुद्ध नौ प्राथमिकी दर्ज की गयी है

विशेष संवाददाता, रांची. रांची में बालू चोरी के खिलाफ लगातार छापेमारी की जा रही है. फिर भी इस पर रोक नहीं लग पा रही है. रांची में एक अप्रैल से 29 मई तक बालू के अवैध खनन, परिवहन व भंडारण को लेकर विभिन्न थानों में 55 लोगों के विरुद्ध नौ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. साथ ही 23.15 लाख जुर्माना भी वसूला गया है.

29 मई की सुबह डीएमओ रांची मो अबु हुसैन व खान निरीक्षक पिंटू कुमार ने रात 12 बजे से चार बजे तक पुलिस बल के साथ लापुंग थाना क्षेत्र के गुमला, खूंटी-रांची मार्ग पर छापेमारी अभियान चलाया. इस दौरान बालू लदे 12 हाइवा जब्त किये गये. प्रत्येक वाहन में 700-700 घनफीट बालू लदा था. सभी कारो नदी से अवैध रूप से बालू का खनन कर कतकुवारी गांव के पास अवैध भंडारण कर रहे थे. डीएमओ ने सभी 12 वाहन मालिकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है. उन्होंने कहा कि बालू के अवैध खनन से नदियों को तो नुकसान हो ही रहा है, भूमिगत जल भी प्रभावित हो रहा है. बालू एक लघु खनिज है एवं सरकारी संपत्ति है. इसकी चोरी सरकारी संपत्ति एवं राजस्व की चोरी है.

40 से 45 हजार रुपये प्रति हाइवा मिल रहा बालू

रांची में एक भी बालू घाट वैध रूप से चालू नहीं है. इसके बावजूद रांची में बालू मिल रहा है. वह भी 40 से 45 हजार रुपये प्रति हाइवा की दर से. मांग के अनुरूप बालू नहीं मिलने की वजह से दर अधिक है. बालू कारोबारी ने बताया कि प्रत्येक थाने में सुविधा शुल्क देते हैं, तब बमुश्किल बालू शहर में ला पाते हैं. बिहार से वैध चालान होने के बावजूद थाने में 500 से 1000 रुपये देते हैं. तब बालू रांची तक ला पाते हैं. रांची में यदि वैध रूप से बालू घाट संचालित होने लगे, तो यह समस्या नहीं रहेगी. रांची में 19 बालू घाटों में से 18 बालों घाटों के लिए टेंडर कर माइंस डेवलपर ऑपरेटर की नियुक्ति कर ली गयी है. लेकिन, पर्यावरण स्वीकृति (इसी) की वजह से बालू घाटों से बालू की निकासी नहीं हो पा रही है. इस कारण ब्लैक में बालू बिक रहे हैं. बालू घाटों के टेंडर के बाद माइनिंग प्लान, एनवायरमेंटल क्लीयरेंस (इसी) तथा कंसेट टू ऑपरेट लेना पड़ता है. इसी के लिए स्टेट इनवायरमेंट इंपेक्ट असेसमेंट अथॉरिटी (सिया) के पास आवेदन देना होता है. खबर है कि आचार संहिता समाप्त होते ही रांची के कम से कम दो घाटों को इसी दिया जायेगा, ताकि बालू का स्टॉक किया जा सके. क्योंकि, 10 जून से 15 अक्तूबर तक एनजीटी की रोक लग जायेगी. तब बालू घाटों से बालू की निकासी नहीं की जा सकती.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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