हावड़ा .हावड़ा शहर के मुख्य जल निकासी चैनल डबल बैरल का हाल बेहाल होने के कारण बारिश बंद होने के 48 घंटे बाद भी बड़े इलाके में अब भी पानी जमा है. कई मुख्य सड़कें पानी में डूबी हुई हैं. काफी समय से पानी जमा होने से अब बारिश के पानी से बदबू भी आने लगी है. ऐसे में जलमग्न इलाकों में रह रहे लोगों की स्थित नारकीय हो गयी है. बुधवार सुबह तक धर्मतला रोड, बनारस रोड, बीबी बागान, लिलुआ, बेलूड़, टिकियापाड़ा के साथ-साथ शिवपुर, मध्य हावड़ा और उत्तर हावड़ा के विभिन्न वार्डों में घुटने तक पानी जमा था. चक्रवाती तूफान रेमाल के आने के बाद हावड़ा के जीटी रोड जैसी मुख्य सड़क, कोना एक्सप्रेसवे और ड्रेनेज कैनाल रोड भी जलमग्न हो गया था. उधर, लिलुआ रेलवे कॉलोनी और बावनगाछी रेल कॉलोनी में भी पानी जमा होने से रेलकर्मी परेशान हैं. जल जमाव से स्थानीय लोगों का जीवन बेहाल हो गया है. कई इलाकों के घरों में भी पानी जमा है. ऐसे में लोग बीमार भी हो रहे हैं. इस स्थिति पर हावड़ा नगर निगम प्रशासनिक बोर्ड के वाइस चेयरमैन सैकत चौधरी कहते हैं कि सफाई काम चल रहा है. निगम के जल निकासी विभाग के कर्मचारी नालियों से कचरा साफ कर रहे हैं. 90 प्रतिशत इलाकों में बारिश रुकने के कुछ घंटों बाद ही पानी चला गया था. श्री चौधरी ने बताया कि चक्रवात के मद्देनजर एचएमसी इलाके में 67 छोटे-बड़े पंप लगाये गये थे. उधर, धर्मतला निवासी अनिल सिंह का कहना है कि हावड़ा में थोड़ी अधिक बारिश होने पर पानी जम जाता है, कोई नयी घटना नहीं है. हावड़ा नगर निगम का चुनाव पांच वर्षों से नहीं हुआ है. ऐसे में नागरिक परिसेवा से हावड़ावासी वंचित हैं. चक्रवात के साथ हुई भारी बारिश से हावड़ा शहर में जो हालात बने हैं, उससे पता चलता है कि आने वाले माॅनसून में हालात कितनी बदतर हो सकती है. नगर निगम सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले साल बारिश का पानी ज्यादा जमा नहीं हुआ था, क्योंकि 50 वार्डों में जल निकासी का काम माॅनसून से काफी पहले ही शुरू हो गया था. लेकिन आरोप है कि इस साल यह काम ठीक से नहीं हुआ है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है