गिरिडीह, लक्ष्मी नारायण पांडेय : सरिया प्रखंड क्षेत्र के मंदरामो पश्चिमी पंचायत अंतर्गत काला पत्थर बिरहोर टंडा निवासी विलुप्तप्राय एक बिरहोर की मौत बुधवार की शाम लगभग 6:00 बजे हो गई.
गर्मी बनी जानलेवा
इस संबंध में समाजसेवी हरिलाल मांझी ने बताया कि मृतक बुधन बिरहोर (60) पिता स्वर्गीय फागु विरहोर बुधवार की सुबह बिना कुछ नाश्ता किए बकरी चराने जंगल चला गया. जंगल में लगभग 11:00 बजे उसे चक्कर आने लगा.तबीयत खराब होने की स्थिति में वह अपना घर चला आया तथा बिना कुछ खाए-पिए अपने घर में सो गया.शाम को उसकी पुत्रवधू तथा पुत्री जब घर आई तब देखी कि उनके पिता बुधन बिरहोर के नाक और मुंह से झाग निकला हुआ था. पड़ोस के लोगों को बुलाया गया जहां लोगों ने देखा कि बुधन बिरहोर की मृत्यु हो चुकी थी.परिजनों ने संभावना व्यक्त किया है कि बुधन बिना कुछ खाए पिए कड़ी धूप में जंगल चला गया. जिस कारण भीषण गर्मी से लू लग गई.
पत्नी की 5 वर्ष पहले हो गई थी मृत्यु
घर में इसके अतिरिक्त कोई सदस्य नहीं थे. पत्नी की मौत 5 वर्ष पूर्व नहाने के क्रम में नदी में डूबने से हो गई थी जबकि पुत्र व पुत्रवधू मजदूरी करने घर से बाहर गए थे. जिस कारण समय पर इसका इलाज नहीं हो पाया तथा बुधन विरहोर की मौत हो गई. घटना की जानकारी मिलने पर मृतक का पुत्र बहादुर बिरहोर घर आया तथा गुरुवार की सुबह अपनी परिजनों एवं डॉल मोहल्ले निवासियों की मदद से अपने रीति रिवाज से अपने पिता की पार्थिव शरीर को मिट्टी दे दिया.
प्रखंड की ओर से मिला 50 किलो चावल
वही प्रशासनिक अधिकारी ने इसे स्वाभाविक मौत बताया है. गुरुवार की सुबह स्थानीय लोगों के द्वारा इसकी सूचना सरिया प्रखंड कार्यालय को दिया गया. इसके बाद नजदीकी जन वितरण प्रणाली की दुकान से 50 किलो चावल पीड़ित परिवार को उपलब्ध कराया गया.वही गुरुवार की सुबह मृतक के शव को दफना दिया गया।
क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में सरिया प्रखंड विकास पदाधिकारी पप्पू रजक ने बताया कि एक व्यक्ति के मौत की सूचना मिली है. लेकिन वह गर्मी के कारण मौत नहीं बल्कि सामान्य मौत है. यदि गर्मी के कारण मौत होती तो बिरहोर टंडा के अन्य और कई लोग भी बीमार पड़ते. लेकिन ऐसी स्थिति में बीडीओ श्री रजक ने लोगों को कड़ी धूप तथा भीषण गर्मी से बचने की सलाह दी है.
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