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सदर अस्पताल की चिकित्सक डॉ प्रीति पांडेय कहती हैं कि भीषण गर्मी में अगर आप एयर कंडीशनर में बैठे रहने के बाद सीधे धूप में जाते हैं, तो ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. ऐसा इसलिए होता है कि शरीर का तापमान हमेशा 37 डिग्री सेल्सियस होता है. और बाहर का तापमान 44-45 डिग्री के पार होता है. ऐसे में शरीर की कूलिंग व्यवस्था ठप हो जाती है और शरीर का तापमान 37 डिग्री से ऊपर पहुंचने लगता है. इस दौरान सांस लेने के लिए जरूरी स्नायु काम करना बंद कर देते हैं. रक्त गाढ़ा होने लगता है, ब्लडप्रेशर कम हो जाता है, जिससे ब्रेन तक ब्लड सप्लाई रुक जाती है. सिर दर्द, चक्कर, सर्दी खांसी, बुखार उल्टी जैसी परेशानी भी हो सकती है. ऐसी समस्या होने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.अस्पताल में बढ़े मरीज, दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक घर से निकलें से करें परहेज
डॉ प्रीति पांडेय कहती हैं कि शहर के तापमान में हुए बदलाव को देखते हुए लोगों को दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक घर से निकलने पर परहेज करना चाहिये. बहुत जरूरी होने पर ही घर से निकले. बचाव के लिए लगातार थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहें. सिर ढंक कर निकला चाहिये. मांसाहारी भोजन को छोड़, हरी सब्जियां, फल लेना चाहिये. उन्होंने बताया कि एमजीएम, सदर अस्पताल, टीएमएच सहित शहर के प्राइवेट नर्सिंग होम में पिछले दो-तीन दिनों से डिहाइड्रेशन व हीट स्ट्रोक के मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गयी है. लिहाजा, लोग सतर्क रहें और अधिक देर तक धूप में रहने से बचें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है