प्रतिनिधि, मुंगेर
खान एवं भूतत्व विभाग मुंगेर द्वारा जिले के 22 गंगा बालू घाटों की बंदोबस्ती की जायेगी. जिसे लेकर निविदा की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. जिसकी नीलामी के लिए समाहरणालय के सभागार में 19 जून को बोली लगायी जायेगी. निविदा दस्तावेज अपलोड करने की अंतिम अंतिम तिथि 13 जून है. तकनीकी निविदा की जांच व मूल्यांकन में सफल निविदादाता ही नीलामी में भाग लेंगे.मुंगेर जिले के 22 गंगा बालू घाटों की बंदोबस्ती होनी है. एक बालू घाट का क्षेत्रफल इस बार पांच हेक्टेयर का होगा. गंगा घाटों का क्षेत्रफल इस बार बांट कर बंदोबस्ती की जायेगी. क्योंकि बड़ा क्षेत्रफल होने के कारण पिछली बार एक भी लोगों ने बंदोबस्ती में भाग नहीं लिया था. काली स्थान फुलकिया बालू घाट एवं काली स्थान बरियारपुर गंगा बालू घाट को 6-6 भाग, पहाड़पुर गंगा बालू घाट को 5 भाग एवं महुला बालू घाट को 4 भाग में बांट कर बंदोबस्ती की जायेगी. जबकि टीकरामपुर में एक बालू घाट की बंदोबस्ती होनी है. बालू घाटों की जो बंदोबस्ती की जा रही है. यह आगामी पांच वर्ष के लिए होगी.
मुंगेर शहर व आसपास सफेद बालू का हो रहा काला कारोबार
पिछले वर्ष गंगा किनारे आठ बालू घाटों की बंदोबस्ती के लिए तीन बार निविदा का प्रकाशन अखबारों में कराया गया था. लेकिन 40 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल का घाट रहने के कारण एक भी व्यक्ति ने नीलामी में हिस्सा नहीं लिया. जिसके कारण गंगा बालू घाटों की बंदोबस्ती नहीं हो सकी थी. बावजूद इसके बड़े पैमाने पर मुंगेर शहर व आसपास गंगा बालू घाटों पर अवैध उत्खनन कर उसकी बिक्री धड़ल्ले से हो रही है. जिसका उपयोग सरकारी और गैर सरकारी कामों में किया जा रहा है. जिससे विभाग को इन तीन-चार वर्ष में करोड़ों राजस्व का नुकसान हुआ और वर्तमान समय में भी राजस्व की क्षति हो रही है. इस बार जो विभाग द्वारा निविदा निकाली गयी है, उसमें मुंगेर शहर से लेकर हेरूदियारा तक के गंगा घाट शामिल नहीं है.
कहते हैं खनन पदाधिकारी
प्रभारी जिला खनन पदाधिकारी रंधीर कुमार ने बताया कि जिले में कुल 22 गंगा बालू घाट की बंदोबस्ती होनी है. निविदा प्रकाशन हो चुका है. 19 जून को नीलामी के लिए बोली लगायी जायेगी. बालू घाटों की बंदोबस्ती आगामी 5 वर्षों के लिए होगी.
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