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बालिका छात्रावास का उपयोग नहीं

डेढ़ करोड़ की लागत से बना है छात्रावास, भवन होने लगा जर्जर

प्रतिनिधि, रनिया रनिया में अति पिछड़ा वर्ग, पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जनजाति के लिए लगभग डेढ़ करोड़ की लागत से निर्मित 40 कमरों का बालिका छात्रावास भवन बनकर तैयार है. छात्रावास भवन का निर्माण कार्य 2021 में ही पूरा हो गया. इसके बाद स्कूल को भवन हैंडओवर कर दिया गया. बावजूद अब तक भवन का उपयोग शुरू नहीं हो सका है. वहीं भवन निर्माण में बरती गयी अनियमितता बाहर से ही नजर आने लगी है. भवन बनने के कुुछ ही दिनों बाद दीवारों में दरार पड़ने लगी है. भवन का प्लास्टर जहां-तहां से उखड़ने लगा है. छात्रावास के कमरे के दरवाजों में दरारें आने के साथ-साथ बाथरूम के टाइल्स आदि सभी क्षतिग्रस्त होने लगे हैं. बनने के बाद से ही भवन के जर्जर होने से कार्य की गुणवत्ता पर प्रश्नचिह्न लग गया है. जानकारी के मुताबिक छात्रावास में लगभग 150 छात्राओं की क्षमता वाला भवन बनाया गया है. छात्रावास में खाने-पीने, पढ़ाई-लिखाई, बेड आदि की सभी व्यवस्था की जानी थी. छात्रावास निर्माण से क्षेत्र के लोगों में काफी उम्मीद जगी थी कि गरीब आदिवासी तथा पिछले वर्ग के बच्चे भी अब शिक्षित होंगे. भवन के क्षतिग्रस्त होने की संभावना बन गयी है. प्राचार्य ने डीसी को भेजा पत्र : स्कूल के प्राचार्य ललिता किडो ने उपायुक्त लोकेश मिश्रा को एक आवेदन भेजकर भवन निर्माण की गुणवत्ता की जांच की गुहार लगायी है. उन्होंने बताया कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से भवन में चहारदीवारी नहीं बनी है. छात्रावास में लड़कियों के लिए बेड नहीं है. वहीं किचेन का सामान आदि भी नहीं है. सिक्योरिटी गार्ड भी नहीं दिये गये हैं.

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