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विद्या विकास केंद्र हाई स्कूल का भवन बना अपराधियों का अड्डा

अड्डेबाजी और लगातार चोरी की घटना से परेशान होकर शिक्षकों ने विद्यालय को मोहननगर में चलनेवाले एक विद्यालय में शिफ्ट कर दिया.

प्रतिनिधि, डकरा डकरा के सुभाषनगर में पिछले 15 साल से बंद विद्या विकास केंद्र हाई स्कूल का भवन अपराधियों का अड्डा बन गया है. अड्डेबाजी और लगातार चोरी की घटना से परेशान होकर शिक्षकों ने विद्यालय को मोहननगर में चलनेवाले एक विद्यालय में शिफ्ट कर दिया. इसके बाद यहां की स्थिति और बिगड़ गयी. कॉलोनी के कुछ लोग सुबह-शाम उधर टहलने जाते थे, लेकिन कुछ साल पहले अपराधियों ने एक ट्रक के खलासी का डकरा पेट्रोल पंप के पास से अपहरण कर इस भवन में ले जाकर हत्या कर दी और शव को दामोदर नद के रेत में गाड़ दिया था. इसके बाद यहां टहलने आनेवालों की संख्या भी कम हो गयी. भवन के 200 मीटर पीछे से दामोदर नद गुजरी है. नद तक पहुंचने के लिए डीएमएफटी से सड़क बना दी गयी है. ट्रैक्टर के चलते रहने से यह पूरा क्षेत्र माॅर्निंग और इवनिंग वाॅकर के लिए खतरनाक हो गया. अब गिने-चुने लोग ही उधर आना-जाना करते हैं. इसका लाभ भी असामाजिक तत्वों को मिलने लगा. अब भवन की दीवार तोड़कर उसकी ईंट की चोरी होने लगी है. खिड़की, दरवाजे, चौखट आदि तो पहले ही चोरी हो चुकी है. पूरे दिन यहां जुआरियों का जमघट लगा रहता है. इससे केडीएच और सुभाषनगर का आवासीय परिसर में आये दिन चोरी की घटना होने लगी है. सीसीएल की अनदेखी से बिगड़ा माहौल : कॉलोनी के लोग बताते हैं कि यह जगह कभी एनके-पिपरवार कोयलांचल का प्रमुख शिक्षण संस्थानों का केंद्र था. लेकिन सीसीएल की अनदेखी के कारण सबसे पहले टानाभगत आइटीआइ संस्थान बंद हुआ. इसके बाद चोरी की घटना से परेशान होकर डकरा कॉलेज को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया. इसके बाद स्कूल भी मोहननगर में शिफ्ट हो गया. अब कॉलोनी के लोग भी यहां रहना नहीं चाहते हैं. डीएसपी और कमांडेंट के सुझाव पर भी नहीं हुआ काम : 2022 में सीआइएसएफ के कमांडेंट मांगा और डीएसपी मनोज कुमार ने एनके एरिया के महाप्रबंधक संजय कुमार को पत्र लिखकर हाई स्कूल भवन को उपयोगी बताते हुए उसका इस्तेमाल करने या या डेमोलिश करने का सुझाव दिया था. कारण बताया था कि भवन अभी भी उपयोगी साबित हो सकता है. लेकिन इसका उपयोग अपराधी कर रहे हैं. समय रहते निर्णय लेने पर क्षेत्र के लोगों की परेशानी दूर हो सकती है. एक संस्था ने की थी स्कूल खोलने की पहल : तीन साल पहले एक संस्था ने बंद पड़े भवन में स्कूल खोलने की पहल की थी. लेकिन सीसीएल प्रबंधन ने यह कहकर भवन नहीं दिया कि वह वन भूमि पर बना हुआ है और चूरी परियोजना के माइनिंग प्लान में भी नहीं है. ऐसे में यहां दोबारा स्कूल खोलना संभव नहीं है. बताते चलें कि सीसीएल ने यहां स्कूल, काॅलेज और आइटीआइ बनाकर क्षेत्र को शैक्षणिक परिसर घोषित किया था. फिर भी सीसीएल ने स्कूल खोलने के लिए कभी सार्थक प्रयास नहीं किया.

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