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लू से डेहरी नेहरू कॉलेज के प्रोफेसर सहित छह लोगों की मौत

लू लगने से इलाज के दौरान डेहरी नेहरू कॉलेज के प्रोफेसर अभिजीत कुमार (उम्र-38) पिता लालबहादुर की मौत हो गयी. इनके साथ ही जिले में लू से मरनेवालों की संख्या छह हो गयी.

सासाराम नगर. जल्दी ले चलो बेड पर. स्ट्रेचर लेकर आइए. ये भाई जरा हाथ लगाना. डॉक्टर कहां हैं? जल्दी से भर्ती कीजिए. इनका नाम व पता बताइए. नहीं पता है. पहले भर्ती कीजिए. ये बेड खाली कीजिए. तभी डॉक्टर आते हैं. क्या हुआ है? सर बाजार समिति से लेकर आ रहे हैं. चुनाव ड्यूटी में लगे थे. अचानक चक्कर खाकर गिर गये. तुरंत डॉक्टर साहब ने पास खड़े जीएनएम को दवा व पानी चढ़ाने का आदेश दिया. ट्रीटमेंट शुरू हो गया. डॉक्टर साहब ने भर्ती पर्ची मांगी, ताकि दवा लिखी जाये. फिर रिसेप्शन पर बैठे व्यक्ति ने जैसे-तैसे नाम पता किया और पर्ची काटकर दिया. तभी फिर एक एंबुलेंस की इंट्री हुई और उसमें से उतरा स्वास्थ्यकर्मी भी स्ट्रेचर उठाने के लिए लोगों को खोजने लगा और कुछ लोग इधर से पहुंचे और उसे भी उठाकर अस्पताल के अंदर लाये. यह सिलसिला दोपहर 12 बजे से ही सदर अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में शुक्रवार को शुरू हो गया. हालांकि सुबह में आसमान पूरा बादलों से घिरा था. लोगों की उम्मीद थी कि गुरुवार वाली स्थिति नहीं बनेगी. लेकिन, जैसे-जैसे दोपहर होने लगी. सन स्ट्रोक के पीड़ितों की संख्या बढ़ती चली गयी और ट्राॅमा सेंटर के बेड फुल हो गये. इसमें सबसे अधिक संख्या चुनावकर्मियों की थी, जिसमें मजिस्ट्रेट, पीठासीन पदाधिकारी से लेकर पुलिस के जवान शामिल थे. दोपहर तीन बजे तक इनकी संख्या सात से अधिक हो गयी थी, जिसमें इलाज के दौरान डेहरी नेहरू कॉलेज के प्रोफेसर अभिजीत कुमार (उम्र-38) पिता लालबहादुर की मौत हो गयी. इनके साथ ही जिले में लू से मरनेवालों की संख्या छह हो गयी. वहीं, नगालैंड बल के एक सिपाही बितुल (45) व उमाशंकर राम सीआरपीएफ जवान की स्थिति गंभीर देखते हुए हायर सेंटर को रेफर कर दिया गया. वहीं बिहार पुलिस की ज्योति कुमारी (खगड़िया), नागालैंड बल के शमिम दारकेन, बिहार पुलिस के जवान श्रीराम यादव पिता ब्रजेश यादव (मधुबनी) और नागालैंड बल की महिला जवान एकमोंगला उम्र 34 वर्ष सदर अस्पताल में इलाजरत हैं. मरीजों की बढ़ती संख्या से परेशान दिखे डॉक्टर ट्रामा सेंटर में दोपहर दो बजे रोस्टर बदल जाता है. नये नर्सिंग स्टाफ ड्यूटी पर आते हैं. वहीं पहले शिफ्ट वाले अपना कार्यभार सौंपकर लौट जाते हैं. इसी दौरान सन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी, जिससे ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर थोडे परेशान हो गये. ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर अजीत कुमार उस वक्त झुंझुला गये, जब मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही थी. अकेले होने की वजह से उन्हें पर्ची भी लिखना पड़ रहा था. ऐसे में मरीजों के पास जाने में परेशानी हो रही थी. एक कदम मरीजों के बेड की ओर और एक कदम अपने कमरे की ओर बढ़ रहे थे. ताकि जल्द से जल्द दवा लिखकर दी जाये, ताकि ट्रीटमेंट शुरू हो सके. इसको लेकर उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को फोन भी किया. ताकि कार्य बेहतर किया जा सके. शॉर्ट सर्किट से जला पंखा, बड़ा हादसा टला प्री-फैब्रिकेटेड कोरोना अस्पताल को सदर अस्पताल में फिलहाल जेनरल वार्ड के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके अलग-अलग वार्डों में बेहतर व्यवस्था की गयी है. हीट वेब के मरीजों के लिए 10 बेड का डेडिकेटेड वार्ड बनाया गया है, जहां ट्रामा सेंटर से मरीजों को वार्ड में शिफ्ट किया जाता है. शुक्रवार को इसी अस्पताल में दोपहर करीब 2:30 बजे अफरा तफरी मच गयी, जब एक पंखे में शॉर्ट सर्किट की वजह से धुंआ निकलने लगा. हालांकि वहां पर मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों ने तत्काल पूरे अस्पताल की बिजली काटकर पंखे का कनेक्शन निकाल दिया, जिससे जानमाल की क्षति होने से बचा लिया. अगर शॉर्ट सर्किट से अस्पताल में आग लग जाती, तो वहां से मरीजों का निकालना मुश्किल हो जाता.

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