डुमरा कोर्ट. नक्सली गतिविधि के तहत दहशत फैलाने, नक्सली पर्चा व प्रतिबंधित डेटोनेटर बरामदगी के मामले में शुक्रवार को सुनवाई करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश(एडीजे) द्वितीय गिरधारी उपाध्याय ने नक्सली ललित मंडल उर्फ ललित महतो को विस्फोटक अधिनियम की धारा 5(ए) में सात वर्ष चार माह की सजा सुनायी है. वहीं, पांच हजार रुपया अर्थदंड भी लगाया है. वहीं, सीएलए(गुंडा एक्ट) की धारा 17 में तीन माह का साधारण कारावास व पांच हजार रुपया अर्थदंड लगाया है. सजा पाया नक्सली ललित मंडल उर्फ ललित महतो रून्नीसैदपुर थाना क्षेत्र के बरहेता गांव निवासी कुशेश्वर महतो का पुत्र है. मामले में सरकार पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक कामेश्वर प्रसाद ने पक्ष रखा. वहीं, बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता उपेंद्र साह ने बहस की. — क्या है पूरा मामला
अपर लोक अभियोजक कामेश्वर प्रसाद ने बताया कि 12 जनवरी 2017 को रुन्नीसैदपुर के तत्कालीन थानाध्यक्ष शिव नारायण राम को अपर पुलिस अधीक्षक(नक्सल अभियान) के द्वारा सूचना मिली थी कि थाना क्षेत्र के हजपुरवा स्थित चिमनी भट्ठा में नक्सली लेवी लेने के लिए आ रहे हैं. जिस सूचना पर थानाध्यक्ष द्वारा तत्क्षण टीम का गठन कर नाकाबंदी लगाया, तभी एक व्यक्ति को आते देखा और उसे रोकने का इशारा की तो वह भागने लगा तो उसे टीम के सहयोग से पकड़ा गया और उसकी तलाशी ली गयी. उसके पास से लाल कागज पर प्रिंट किया हुआ दो पर्ची एक मुख्यमंत्री बिहार सरकार पटना के नाम शासन प्रशासन के निष्क्रियता के संबंध में खुल पत्र एवं एक पर्ची भाकपा माओवादी उत्तर बिहार पश्चिमी जोनल कमिटी के पर्चा, चार पीस, उत्तर बिहार पश्चिमी जोनल कमिटी द्वारा जारी दिनांक छह जनवरी 2017 का प्रिंटेड पत्र, जिस पर बबलू सिंह हजपुरवा ईंट भट्ठा से 50 लेवी की मांग की पर्ची, एक नोकिया कंपनी का मोबाइल एवं डेटोनेटर दो पीस लाल रंग की पतली तार में लगा हुआ बरामद हुआ था.
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