नैक के लिए ग्रेड एवम पॉइंट
ग्रेड नीचे होने का कारण
विभावि में पदाधिकारियों की स्थायी नियुक्ति नहीं होने, नैक की तैयारी सही ढंग से नहीं होने , आइकयूएसी को दिखावा मात्र के लिए बनाकर रखने एवं एसएसआर सही ढंग से नहीं बनाने के कारण विभावि को नैक मूल्यांकन में नुकसान उठाना पड़ा है. जुलाई 2022 के बाद से अभी तक पदाधिकारियों का पद खाली पड़ा है . मुख्य पदों पर स्थायी नियुक्ति नही हुई है . कई पदाधिकारी की नियुक्ति एक वर्ष के लिए मात्र काम चलाने को लेकर की गयी है. जिसके कारण विभावि की निर्णय क्षमता एवम कार्य क्षमता पर बुरा असर पड़ा है. जो नैक मूल्यांकन में उभर कर सामने आ गयी है . कुलपति का पद जून 2023 के बाद से प्रभार पर चल रहा है . प्रतिकुलपति का पद जुलाई 2022 से खाली है . देखा जाये, तो सहायक कुलसचिव के दो पद पर पदाधिकारी है शेष सभी पदाधिकारी के पद पर कामचलाऊ नियुक्ति की गयी है .
विभावि अपनी संसाधनों को प्रदर्शित नहीं कर पाया विभावि का ग्रेड नीचे गिरना यह दर्शाता है कि पिछले नैक मूल्यांकन में विभावि ने जो भी संसाधन या गतिविधि नैक के सामने एसएसआर के माध्यम से दिखाया था उसे विभावि ने इस बार एसएसआर में नही दिखा पाया. इस बार के एसएसआर मे लॉ कॉलेज एवं इंजीनियरिंग कॉलेज का जिक्र नहीं किया गया था. जिसपर नैक टीम ने भौतिक निरीक्षण के समय कॉलेज को देख कर कहा था कि लॉ कॉलेज एवम इंजीनियरिंग कॉलेज का जिक्र एसएसआर में क्यों नहीं किया गया .विभावि गोदाम में तब्दील होते जा रहा है
विभावि का कैंटीन , छात्रावास , स्टाफ क्वाटर , जिमशाला , खेल का मैदान , बस का परिचालन बंद होने से भी विभावि का नैक ग्रेड नीचे गिरा है . इन सभी संसाधनों का उपयोग नहीं होने से ये सभी बंद पड़े हुए है . जिसके कारण विभावि परिसर के भवन गोदाम में तब्दील होते जा रहे है. इन संसाधनों के चालू हालत में नहीं रहने से नैक मूल्यांकन में विभावि को नुकसान हुआ है. विभावि के पास अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल सामग्री है, लेकिन इसका उपयोग नहीं होने से इसका कोई पॉइंट नही जुड़ पाया .
विभावि का आइकयूएसी दिखावा मात्र निकला विभावि में नैक तैयारी के लिए गठित आइकयूएसी टीम मात्र दिखावा बनकर रह गयी. नैक के लिए बनायी गयी एसएसआर में बहुत से संसाधन एवं गतिविधि को नही दिखाया गया . एसएसआर जिसपर 70 प्रतिशत अंक निर्भर करता है . इसमें पिछ्ले बार के संसाधन एवं गतिविधि को चालू हालत में दिखाने से ग्रेडिंग बरकरार रहती . लेकिन ग्रेडिंग नीचे आने का मतलब विभावि की आइकयूएसी ने नैक टीम को अपनी संसाधन एवं गतिविधियों को नही दिखा पायी . जबकि विभावि के पास संसाधन की कमी नही हैं.पिछले कुलपति ने आइकयूएसी को तरजीह नहीं दी
विभावि के पिछले कुलपति डॉ मुकुल नारायण देव एवं डॉ रमेश शरण ने आइकयूएसी सेल को तरजीह नहीं दी. जिसका नतीजा नैक मूल्यांकन में ग्रेडिंग का नीचे होना है. इनके कार्यकाल में विवि को चलाने के लिए आइकयूएसी से कोई विचार या मंथन नहीं किया गया. आइकयूएसी का उपयोग मात्र नैक मूल्यांकन के दौरान ही किया गया . जबकि नैक नियमानुसार आइकयूएसी हमेशा चालू हालत में होना चाहिए. विवि को चलाने में आइकयूएसी की राय जरूरी है ताकि नैक का ग्रेडिंग में इजाफा हो सके . लेकिन विभावि के पदाधिकारी ने आइकयूएसी का उपयोग नहीं किया . इस बार भी निरीक्षण टीम को आइकयूएसी का ऑफिस चालू हालत में नही मिला था.
व्यवसायिक पाठ्यक्रम में नही होता है शोध विभावि में शोध की हालत ज़्यादा खराब है . यहां व्यवसायिक पाठ्यक्रम पर शोध कार्य नहीं होता है . जिसका सीधा असर नैक ग्रेडिंग में पड़ा है. विभावि में मात्र दो बार डीट की परीक्षा हुई है. जबकि इसे प्रत्येक वर्ष होना है. इसके कारण विभावि में शोध का क्षेत्र कमजोर पड़ गया हैं.एलुमिनाई क्लब में फंड नही
विभावि में एलुमिनाई क्लब है लेकिन पंजीकरण नहीं होने के कारण इसका कोई बैंक खाता नही है . आइकयूएसी ने भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया . जिसके कारण नैक मूल्यांकन में कोई पॉइंट नही मिल पाया. इस क्लब से विभावि को फीडबैक मिलता रहता है. ताकि समय रहते कमी को दूर किया जा सके.तीसरे चक्र का मूल्यांकन 2029 में
विभावि में तीसरे चक्र का नैक मूल्यांकन 2029 में होगा. विभावि इस बार बी ग्रेड लाया है. जो बी ग्रेड के सबसे निचले पायदान का ग्रेड है. पिछले बार ग्रेड बी के उपरी पायदान में विभावि था .डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है