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Jamui News : सिविल सर्जन ने स्वास्थ्य कर्मियों को दिलायी तंबाकू का सेवन ना करने की शपथ

विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर किया गया आयोजन

जमुई.

सदर अस्पताल परिसर स्थित सभागार में शुक्रवार को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर सिविल सर्जन डॉ कुमार महेंद्र प्रताप द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों को तंबाकू का सेवन ना करने की शपथ दिलायी गयी. सिविल सर्जन सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने शपथ लेते कहा कि मैं यह शपथ लेता हूं कि मैं अपने जीवन में कभी भी किसी प्रकार के तंबाकू उत्पादों का उपयोग या सेवन नहीं करूंगा. अपने परिजन, मित्र या परिचितों को भी तंबाकू उत्पादों का सेवन नहीं करने के लिए प्रेरित करूंगा. इसके अलावा मैं अपने पर्यावरण को भी तंबाकू उत्पादों के उपयोग से होने वाले दुष्प्रभाव से बचाने में योगदान करूंगा. सिविल सर्जन डॉ प्रताप ने बताया कि सेहत के लिए तंबाकू का सेवन जानलेवा हो सकता है. तंबाकू या धूम्रपान व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य के साथ ही शारीरिक सेहत पर भी नकारात्मक असर डालता है. हालांकि ये बात जानते हुए भी बड़ी संख्या में लोग किसी न किसी रूप से तंबाकू का सेवन कर रहे हैं. लोगों में बीड़ी, सिगरेट और गुटखा आदि के सेवन से कई तरह की बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है. होमी भाभा कैंसर अस्पताल व रिसर्च सेंटर की डॉ पायल ने बताया कि धूम्रपान करने से धमनियां कमजोर होने लगती हैं और कोरोनरी हार्ट डिजीज और स्ट्रोक हो सकता है. उन्होंने बताया कि तंबाकू के सेवन से कई गंभीर और जानलेवा बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. तंबाकू के सेवन करने से फेफड़ों में कैंसर, लिवर कैंसर, मुंह का कैंसर, कोलन कैंसर और गर्भाशय का कैंसर होने का जोखिम रहता है. इसके अलावा हृदय रोग और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं. इसलिए उन्होंने लोगों से तंबाकू का सेवन नहीं करने की अपील की. एसीएमओ डॉ अरविंद कुमार ने कहा कि तंबाकू केवल धूम्रपान करने वालों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वो लोग भी इसके खतरे में हैं, जो धुएं के संपर्क में आते हैं. उन्हें भी हृदय रोग, श्वसन के साथ कुछ खास तरह के कैंसर प्रभावित कर सकते हैं. कुल मिलाकर, तंबाकू का सेवन शारीरिक स्वास्थ्य पर भारी नुकसान पहुंचाता है, जिससे बीमारियों और मौतों में वृद्धि होती है और जीवन की गुणवत्ता कम हो जाती है. मौके पर एमओ डॉ अभिषेक गौरव, जिला इपीडेमोलॉजिस्ट डॉ शमीम अख्तर, अस्पताल प्रबंधक रमेश कुमार पांडेय, एनटीसीपी सलाहकार कुमारी डोली, क्लीनिक साइकोलॉजिस्ट उदय कुमार, सीआरए समीर अंसारी, विनय कुमार, नीफनंदन कुमार, रवि रंजन सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे.

विश्व तंबाकू निषेध दिवस का इतिहास

दरअसल, तंबाकू के सेवन से होने वाली मौतों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 1987 में तंबाकू निषेध दिवस मनाने का फैसला लिया. अगले वर्ष यानी 1988 में पहली बार विश्व तंबाकू निषेध दिवस अप्रैल माह में मनाया गया. हालांकि बाद में इसे मनाने के लिए मई माह में एक तारीख निर्धारित की गयी.

तंबाकू निषेध दिवस 2024 की थीम

हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस को एक खास थीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है. साल 2024 में तंबाकू निषेध दिवस 2024 की थीम है बच्चों को तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बचाना है. बताते चलें कि साल 2023 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम ””””””””वी नीड फूड-नॉट टोबैको”””””””” थी.

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