कोलकाता, अमित शर्मा : पश्चिम बंगाल में मतदान चलने के दौरान कोलकाता उत्तर क्षेत्र में एक नया समीकरण देखने को मिला. गत कुछ दिनों से यहां के तृणमूल उम्मीदवार सुदीप बंद्योपाध्याय (Sudeep Bandyopadhyay) को लेकर उनकी ही पार्टी के कुछ नेताओं के बयान से उनके प्रति नाराजगी जाहिर हो रही थी. हालांकि, अंतिम चरण के मतदान के दौरान एक नयी बात देखने को मिली. वह यह कि कोलकाता उत्तर के क्षेत्र में तृणमूल नेता राजू नस्कर के कार्यालय में तृणमूल के नेता एक साथ दिखे. इस दिन नस्कर के कार्यालय में तृणमूल के पूर्व प्रदेश महासचिव कुणाल घोष और बेलियाघाटा के विधायक परेश पाल पहुंचे. इसके बाद ही वहां कोलकाता उत्तर के तृणमूल उम्मीदवार सुदीप बंद्योपाध्याय भी पहुंचे.
कोलकाता उत्तर के कार्यालय में तृणमूल के नेता एक साथ दिखे
पत्रकारों से बातचीत में श्री बंद्योपाध्याय ने कहा : तृणमूल एक परिवार है. यहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अभिभावक हैं और इस परिवार में सभी एक साथ हैं. मतदान के दौरान अचानक बंद्योपाध्याय से मुलाकात को लेकर पूछे जाने पर विधायक पाल ने कहा कि “मैं सुदीप दा के लिए नहीं आऊंगा ऐसा हो सकता है क्या? लंबे समय से उनके साथ संपर्क है. इस क्षेत्र के वह सांसद भी हैं. वर्ष भर तो उनसे ही काम पड़ता है. काम के अलावा उनके साथ मेरा अच्छा पारिवारिक संपर्क भी है.
कुणाल घोष ने कहा, काेलकाता उत्तर की सीट हमें जीतना है
गौरतलब है कि कोलकाता उत्तर के तृणमूल उम्मीदवार सुदीप बंद्योपाध्याय के समर्थन में गत बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पदयात्रा में हिस्सा लिया था. मौके पर कुणाल घोष, शशि पांजा सहित अन्य नेता मौजूद रहे. पदयात्रा के बाद अपने वाहन में तृणमूल उम्मीदवार सुदीप बंद्योपाध्याय के साथ बातचीत करने के दौरान मुख्यमंत्री ने कुणाल घोष को बुलाया था. दोनों ही नेताओं से उन्होंने बातचीत की थी. इस बारे में श्री घोष से पत्रकारों से कहा था कि कोलकाता उत्तर तृणमूल की जीती हुई सीट है. इस बार भी हमें जीतना है. इसे लेकर ही सीएम ने कुछ परामर्श दिया है और साथ रहते हुए इसका पालन किया जायेगा.
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हाल ही में सुदीप व कुणाल के बीच वाद-विवाद देखने को मिला था
वहीं सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जीत का मार्जिन और बढ़ाने को कहा है. सनद रहे हाल ही में सुदीप व कुणाल के बीच वाद-विवाद देखने को मिला था. सुदीप बंद्योपाध्याय के खिलाफ जैसे विद्रोह की बात कुणाल घोष करते रहे थे. इसके बाद ही उन्हें पार्टी के प्रदेश महासचिव पद से भी हटा दिया गया था. अब, अंतिम चरण के तहत हो रहे मतदान के दौरान कुणाल और सुदीप के अलावा तृणमूल के अन्य नेताओं की मुलाकात अहम माना जा रहा है.