उदाकिशुनगंज. शातिर अपराधी प्रमोद यादव की बीते शुक्रवार को पुलिस मुठभेड़ में हुई मौत के बात लोगों में तरह-तरह की चर्चा हो रही है. ज्ञात हो कि उदाकिशुनगंज अनुमंडल के बिहारीगंज थाना क्षेत्र के हथिऔंधा सिन्दुरिया टोला के प्रमोद यादव का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है. कोसी व सीमांचल क्षेत्रों के साथ-साथ वो राज्य के कई इलाकों में अपना आतंक फैलाना चाहता था. पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने के बाद बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. बताया जाता है कि शातिर अपराधी के भय से गांव के लोग भी भय खाते थे. बताया जाता है कि प्रमोद यादव करीब एक दशक पूर्व शातिर ब्रजकिशोर यादव उर्फ बुच्चन यादव के संपर्क में आया था. उसके बाद से अपराध की दुनिया में उसका प्रभाव बढ़ता चला गया. क्षेत्र में उसके नाम की तूती बोलने लगी थी. गांव के लोग तक उससे भय खाने लगे थे. उनकी हत्या के बाद एक तरह जहां लोगों में खुशी देखी जा रही है, तो वही कुछ मायूस है, जो प्रमोद यादव के दम पर रंगदारी करते थे. एनकाउंटर में मारे गये प्रमोद यादव की मां दाह संस्कार के दौरान कहने लगी-मेरे बेटे को मरवाकर भी सब्र नहीं हुआ. फिर आ गये हमें मारने. वही लोग बताते हैं प्रमोद यादव ने गांव का विनाश कर दिया. बताया जाता है कि प्रमोद यादव अपराध की दुनिया के बादशाह बनना चाह रहा था, जहां अपना एक गिरोह बनाना शुरू किया था. प्रमोद यादव के गिरोह को बिहारीगंज व आसपास के व्यवसायियों के तरफ से नजराना पहुंचता था. 30 मामलों में था आरोपी बताया जा रहा कि प्रमोद यादव हत्या, डकैती, लूट और रंगदारी तथा अपहरण समेत लगभग 30 मामले का आरोपी था. पुलिस को इसकी काफी दिनों से तलाश थी. ऐसे में बीते शुक्रवार को एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में शातिर प्रमोद यादव ढेर हो गया. वहीं, हालिया दिनों में ही सरकार द्वारा प्रमोद यादव पर तीन लाख के इनाम की घोषणा की गयी थी. जमीन पर अवैध कब्जे करता था प्रमोद यादव अपराधी प्रमोद यादव जमीन पर अवैध कब्जे भी किया करता था. वहीं वर्ष 2020 में जनवरी माह में पूर्णिया जिले के धमदाहा थाना अंतर्गत इसने अपने गुर्गे के साथ मिलकर हथियार से लैस होकर पुलिस टीम पर भी फायरिंग करते हुए जानलेवा हमला किया था. इसी वर्ष जून माह में प्रमोद यादव ने जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर पुलिस बेस में आकर इंद्रदेव सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी. लगातार हत्या के बाद चर्चा में आया था प्रमोद यादव अपराधी प्रमोद यादव वर्ष 2021 में अपने सहयोगियों के साथ मिलकर पूर्णिया जिले के बड़हरा थाना क्षेत्र के मौजमपट्टी गांव के अरुण कुमार की भी गोली मारकर हत्या कर दी थी. वहीं प्रमोद यादव लगभग 2006 से ही अपराध की दुनिया में अपना कदम रख चुका था.
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