वाल्मीकिनगर. वाल्मीकि की पावन भूमि पर शनिवार का दिन ऐतिहासिक रहा. सदियों तक याद किया जाएगा.वाल्मीकिनगर पहुंचे मोरारी बापू ने राम कथा की शुरुआत की. कार्यक्रम की शुरुआत कुमारी ऐश्वर्या ने की. मोरारी बापू कथा स्थल में एक ऊंचे स्थान पर विराजमान रहे. भीषण गर्मी के बावजूद पंडाल में पानी के फुहारे शीतलता प्रदान कर रहे थे. कथा की शुरुआत श्रीराम, हनुमान वंदना से हुई. राम कथा वाचन का प्रसारण आस्था चैनल पर लाइव किया जा रहा है. इससे कार्यक्रम में नहीं पहुंचने वाले और देश-विदेश के श्रद्धालु राम कथा का श्रवण कर रहे हैं. वाल्मीकि की धरती, माता सीता का नमन किया बापू ने सबसे पहले वाल्मीकि की धरती व माता सीता का नमन किया. उन्होंने कहा कि यह प्रबल इच्छा थी कि इस पवित्र धरती पर कथा हो. देश विदेश में राम कथा हुई है. इस कथा का केंद्र बिंदु मानस रामायण रहेगा. वाल्मीकि आदि कवि हैं मूल में वही रामायण है. क्योंकि ग्रन्थ कितने भी महान हो किन्तु उनकी अलौकिक महिमा है.जो स्थिर है और चंचल नहीं है, उसकी महिमा है. तुलसी के मुताबिक वेद ही पर्वत है. हिमालय की महिमा उसके पांच मानसरोवर,सरोवर और नदियाें के कारण बढ़ जाती है. उससे राम कथा निकले, तो महिमा काफी बढ़ जाती है. कथा वाचन सुन मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु संत मोरारी बापू के मुख से कथा के पहले दिन वंदना के बाद राम कथा की महिमा का बखान किया. उसे सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर होकर झूमते रहे. रामायण के निकट जाने वाले का सभी दुख दूर हो जाते हैं. वैश्विक समस्या की उपाय है हरि कथा, रामायण. केवल भरोसा रख कर जो रामायण का श्रवण करते हैं उनके सभी कष्ट मिट जाते हैं. हरि कथा, हरि नाम और हनुमान ही तीन उपाय हैं जिससे सभी दुखों का नाश हो जाता है. सबसे पहले हनुमान जी की आराधना कर लें. हम सब मिलकर नौ दिनों तक वाल्मीकि की धरती पर राम कथा का श्रवण करेंगे. ू
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