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सुंदरगढ़. चार को खुलेगा सात विधानसभा सीटों के उम्मीदवारों की किस्मत का पिटारा, धड़कने तेज

भारतीय लोकतंत्र का महापर्व शनिवार को मतदान के सातवें चरण के साथ संपन्न हो गया है. अब सभी को आगामी चार जून को होनेवाली मतगणना का इंतजार है. अगले 48 घंटों के बाद सुंदरगढ़ की सात विधानसभा सीटों के उम्मीदवारों की किस्मत का पिटारा खुल जायेगा.

राउरकेला. भारतीय लोकतंत्र का महापर्व शनिवार को मतदान के सातवें चरण के साथ संपन्न हो गया है. अब सभी को आगामी चार जून को होनेवाली मतगणना का इंतजार है. अगले 48 घंटों के बाद सुंदरगढ़ की सात विधानसभा सीटों के उम्मीदवारों की किस्मत का पिटारा खुल जायेगा. इस पिटारा से किस उम्मीदवार के लिए जीत निकलेगी और किसके लिए हार, इसे लेकर अटकलों का दौर जारी है. वहीं उम्मीदवारों से लेकर समर्थकों के दिलों की धड़कनें तेज होती जा रही हैं. शहर में चाय की चौपाल से लेकर पान की दुकानों समेत राजनीतिक गलियारों में कौन जीतेगा, कौन हारेगा, कितने वाेट के अंतर से हार-जीत का फैसला होगा, इन्हें लेकर तरह-तरह की अटकलें लगायी जा रही हैं. अपनी अटकलों व दावों के पक्ष में तर्क-वितर्क भी समर्थकों द्वारा किया जा रहा है. इस दौरान पिछले चुनाव में राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों के मिले वोट तथा वोट फीसदी को लेकर भी हार-जीत के दावों को लेकर अलग-अलग राजनीतिक कयास लगाये जा रहे हैं.

राउरकेला विधानसभा : शारदा नायक के सामने दिलीप राय की चुनौती

2024 के चुनाव में दिलीप राय और शारदा नायक के बीच मुख्य मुकाबला है. वहीं भाजपा के बागी निहार राय और कांग्रेस के बीएन पटनायक भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. जिसमें चौथी बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे भाजपा उम्मीदवार दिलीप राय गत 2014 में बीजद उम्मीदवार शारदा नायक को शिकस्त दे चुके हैं. जिसके बाद 2019 में बीजद के शारदा नायक ने भाजपा के निहार राय को हराया था. 2019 से लेकर 2024 तक राज्य सरकार की ओर से बीजू स्वास्थ्य कार्ड, नवीन कार्ड, नुआ ओ स्कॉलरशिप समेत तमाम योजना शुरू की गयी हैं. जिसका लाभ लोगों को मिल रहा है. जिससे इस बार यहां नवीन गारंटी बनाम मोदी गारंटी का मुकाबला है. शहर के वोटरों ने नवीन गारंटी पर विश्वास किया अथवा मोदी की गारंटी पर तथा भाजपा से बहिष्कृत नेता निहार राय के बागी तेवर दिलीप राय का खेल बिगाड़ सकेंगे या नहीं, इसका पता तो चार जून को ही चलेगा.

रघुनाथपाली विधानसभा : अर्चना रेखा बेहरा और दुर्गाचरण तांती आमने-सामने

इस बार बीजद ने तीन बार विधायक का चुनाव जीतने वाले सुब्रत तराई की धर्मपत्नी अर्चनारेखा बेहेरा को मैदान में उतारा है. इसके अलावा भाजपा ने संघ परिवार समर्थित दुर्गाचरण तांती पर भरोसा जताया है. वहीं कांग्रेस से श्रमिक नेता गोपाल दास मैदान में हैं. इस सीट पर भी बीजद व भाजपा के बीच ही मुख्य मुकाबला हैं. बीजद की प्रत्याशी अर्चना रेखा बेहेरा ने टिकट मिलने की घाेषणा के बाद से लेकर प्रचार के अंतिम दिन तक लगातार प्रचार किया है तथा विधानसभा अंचल के समूचे अंचल के वोटरों से मिली हैं. वहीं भाजपा के दुर्गाचरण तांती को तीन बार के विधायक सुब्रत तराई की नाराजगी का लाभ मिलने की उम्मीद थी, लेकिन उनके स्थान पर उनकी पत्नी को बीजद ने मैदान में उतारने से विधायक के प्रति लोगों में जितनी नाराजगी थी, उतनी बीजद के प्रति नाराजगी नहीं है. इसका लाभ बीजद को मिल सकता है. भाजपा के दुर्गाचरण तांती की ओर से कोरोना काल में जिस तरह से लोगाें की सेवा की गयी थी. उसका लाभ उन्हें मिल सकता है. लेकिन चुनाव को लेकर जिस तरह से मैराथन प्रचार किया जाना चाहिए था, उसमें वे बीजद की प्रार्थी से कमजोर नजर आये हैं. हालांकि, यदि जनता परिवर्तन का मूड बनाती है, ताे यह उनके पक्ष में जा सकता है. कांग्रेस के प्रत्याशी श्रमिक नेता गोपाल दास को आरएसपी के स्थायी से लेकर ठेका श्रमिकों के वोट का आसरा है. लेकिन आरएसपी के पांच एनजेसीएस यूनियन इंटक, बीएमएस, आरएमएस,एटक व सीटू में यह श्रमिक बंटे होने के कारण उन सभी का वोट गोपाल दास के पक्ष में पड़ेगा, इसकी संभावना कम ही है.

बिरमित्रपुर विधानसभा : झामुमो बाहर, भाजपा व बीजद में टक्कर

सुंदरगढ़ जिले की आदिवासी संरक्षित बिरमित्रपुर विधानसभा सीट में इस बार झामुमो प्रत्याशी निहार सुरीन का पर्चा खारिज होने के बाद बीजद व भाजपा में ही मुख्य टक्कर होने की संभावना है. जिसमें बीजद के रोहित जोसेफ तिर्की व भाजपा के शंकर ओराम आमने-सामने हैं. इन दाेनों ही प्रत्याशियों ने अपनी-अपनी जीत पक्की करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है. इनमें बीजद के प्रत्याशी रोहित जोसेफ तिर्की के पक्ष में स्वयं मुख्यमंत्री नवीन पटनायक राउरकेला में हुई जनसभा में प्रचार कर चुके हैं. इसके अलावा मुख्यमंत्री के करीबी वीके पांडियन भी उनके लिए बिरमित्रपुर के रामपाल चौक पर जनसभा कर चुके हैं. जिससे रोहित तिर्की के समर्थक जीत का दावा कर रहे हैं. वहींं भाजपा के शंकर ओराम ने भी अपना पूरा दमखम लगाया है. उनके पक्ष में राउरकेला में हुई भाजपा के दिग्गज नेता अमित शाह की जनसभा के बाद उनकी जीत की उम्मीद में इजाफा होने की बात समर्थक कर रहे हैं. इसके अलावा भाजपा के आदिवासी नेता तथा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी उनके पक्ष में प्रचार किया था. दूसरी ओर झामुमो प्रत्याशी निहार सुरीन का पर्चा खारिज होने बाद निर्दलीय रेमिस जोजो को इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस व झामुमो का समर्थन मिलने का दावा किया जा रहा है. वहीं निर्दलीय राजेश केरकेट्टा भी उन्हें कांग्रेस का समर्थन होने का दावा कर रहे हैं. जिससे उनके बीच समर्थन को लेकर चल रही रस्साकशी से उनका ही नुकसान होने की बात कही जा रही है.

राजगांगपुर विधानसभा : कांग्रेस विधायक को चुनौती दे रहे बीजद व भाजपा उम्मीदवार

कांग्रेस ने वर्तमान विधायक डॉ सीएस राजेन एक्का को दोबारा मैदान में उतारा है. वहीं भाजपा ने पूर्व प्रत्याशी नरसिंह मिंज पर दोबारा चांस लिया है. बीजद के अनिल बरुआ भी मैदान में हैं जो राजनीति में नया चेहरा हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, बीजद व भाजपा में कड़ी टक्कर थी. कांग्रेस ने बाजी मारी थी. इस बार भी कांग्रेस के प्रत्याशी राजेन एक्का ने अपना पूरा दमखम लगा दिया है. वे विधानसभा में अपने कार्यकाल में किये गये विकास कार्य व कांग्रेस की गारंटी कार्ड के नाम पर वोट मांग रहे हैं. भाजपा के नरसिंह मिंज के समर्थन में राउरकेला में अमित शाह की सभा, राजगांगपुर में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का रोड शो समेत मोदी मैजिक व मोदी गारंटी को सहारा माना जा रहा है. जबकि बीजद का नया चेहरा अनिल बरुआ के समर्थन में वीके पांडियन की जनसभा के साथ मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी राउरकेला में हुई जनसभा में उनके लिए वोट मांगा था. जिससे पिछली बार इस बार भी इन तीनों उम्मीदवारों के बीच ही कड़ी व नजदीकी टक्कर होने की संभावना जतायी जा रही है.

तलसरा विधानसभा : कांग्रेस दिखी कमजोर, विपक्षी को लाभ

सुंदरगढ़ जिले की आदिवासी संरक्षित सीट तलसरा में इस बार कांग्रेस ने भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान प्रबोध तिर्की को प्रत्याशी बनाने की घोषणा पहले की थी. जिससे कांग्रेस का गढ़ माने जानेवाले इस सीट पर फिर से कांग्रेस का परचम लहराने की उम्मीद जगी थी. लेकिन कांग्रेस ने बाद में उनका टिकट काटकर देवेंद्र भितरिया को टिकट देने से कांग्रेस कमजोर लग रही है. जिससे इस सीट पर भाजपा के भवानीशंकर भोई तथा बीजद के विनय टोप्पो के बीच ही मुख्य मुकाबला होने के आसार हैं. इस सीट पर भाजपा के प्रत्याशी भवानीशंकर भोई विगत पांच साल में किये गये अपने काम के आधार पर वोट मांग रहे हैं. साथ ही वे मोदी मैजिक, मोदी गारंटी के अलावा सुंदरगढ़ जिले में अमित शाह समेत अन्य दिग्गज नेताओं ने प्रचार करने से जीत की उम्मीद में हैं. दूसरी ओर बीजद के विनय टोप्पो के पक्ष में वीके पांडियन के अलावा मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी राउरकेला में जनसभा कर उनके लिए वोट मांग चुके हैं.

सुंदरगढ़ विधानसभा : विधायक कुसुम टेटे और जोगेश सिंह आमने-सामने

इस सीट पर इस बार भी बीजद व भाजपा में ही मुख्य मुकाबला होने की संभावना है. इस सीट पर बीजद ने पूर्व प्रत्याशी जोगेश सिंह को रिपीट किया है, तो भाजपा ने भी विधायक कुसुम टेटे को दोबारा मैदान में उतारा है. कांग्रेस की ओर से नया चेहरा सुधारानी राउडिया मैदान में हैं. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री हेमानंद बिस्वाल के निधन के अलावा पूर्व कांग्रेसी विधायक जोगेश सिंह ने भी कांग्रेस छोड़ने के बाद यहां कांग्रेस की स्थिति उतनी मजबूत नहीं है, जितनी पहले थी. इस सीट पर बीजद के प्रत्याशी जोगेश सिंह ने गत चुनाव में हार के बाद इस बार जीत के लिये पूरा दमखम लगा दिया है. उनके पक्ष में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के अलावा वीके पांडियन भी प्रचार कर चुके है. जिससे इस बार वे चुनावी वैतरणी पार करने की उम्मीद में है. दूसरी ओर भाजपा की कुसुम टेटे भी अपनी सीट बरकरार रखने के लिए लगातार जनसंपर्क किये जाने के साथ मोदी मैजिक, मोदी गारंटी व सुंदरगढ़ जिले में अमित शाह समेत अन्य दिग्गज नेताओं के प्रचार से उनके समर्थक उनकी स्थिति मजबूत होने की बात कह रहे हैं.

बणई विधानसभा : माकपा के गढ़ में बीजद व भाजपा तलाश रहीं जमीन

जिले की बणई विधानसभा सीट पर इंडिया गठबंधन के माकपा उम्मीदवार व वर्तमान विधायक लक्ष्मण मुंडा, बीजद के भीमसेन चौधरी व भाजपा ने नया चेहरा महिला उम्मीदवार सेवती नायक को मैदान में उतारा है. लेकिन इस सीट पर भाजपा की महिला उम्मीदवार का चेहरा नया होने के कारण उन्हें मोदी मैजिक, मोदी गारंटी से लेकर अमित शाह से लेकर भाजपा के दिग्गज नेताओं के दौरे का लाभ मिल सकेगा या नहीं, इसे लेकर राजनीतिक समीक्षकों ने संदेह जताया है. यह सीट माकपा का गढ़ होने के साथ माकपा इंडिया गठबंधन का हिस्सा होने से यहां पर कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है तथा उनका समर्थन कर रही हैं. जिसमें कांग्रेस के लोकसभा प्रार्थी जनार्दन देहुरी व माकपा के विधानसभा प्रार्थी कई बार संयुक्त जनसभा व रैली का आयोजन कर चुके हैं. इसके अलावा यहां खदान अंचल होने तथा खदानों की यूनियनों में माकपा समर्थित सीटू का ज्यादा प्रभाव होने से इसका लाभ माकपा को मिल सकता है. जबकि बीजद के भीमसेन चाैधरी को नवीन की गारंटी के अलावा मुख्यमंत्री नवीन पटनायक समेत वीके पांडियन के प्रचार का लाभ मिल सकता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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