संवाददाता, पटना बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर मतदान कराने पर जनता के टैक्स की बड़ी राशि खर्च करनी पड़ती है. इसमें मतदान कराने के समय होनेवाले खर्च के अलावा अर्द्ध सैनिक बलों पर खर्च, वोटर लिस्ट की तैयारी पर होनेवाला खर्च, इवीएम व वीवीपैट के मेंटनेंस पर खर्च और इपिक के निर्माण पर खर्च किया जाता है. राज्य सरकार ने लोकसभा चुनाव को लेकर 675 करोड़ के बजट का प्रावधान किया है. इसके अलावा अन्य खर्च को भी शामिल किया जाये, तो यह कुल 790 करोड़ के आसपास पहुंच जाता है. राज्य की 40 लोकसभा क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव में सात करोड़ 67 लाख 77 हजार 731 वोटर हैं. इनके मतदान के लिए राज्यभर में कुल 77392 बूथों की स्थापना की गयी है. राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2024 में होनेवाले लोकसभा चुनाव के लिए 550 करोड़ के बजट का प्रावधान किया है. इसके अलावा चुनाव कराने वाले अर्द्ध सैनिक बलों की प्रतिनियुक्ति के लिए 125 करोड़ का बजट आवंटित किया है. इसके अलावा विधानसभा वार मतदाता सूची के तैयारी और उसके मुद्रण पर 80 करोड़ का खर्च का प्रावधान किया गया है, जबकि वोटर आइडी (इपिक) के निर्माण पर 15 करोड़ के बजट की व्यवस्था की गयी है. लोकसभा चुनाव में उपयोग किया जानेवाले इवीएम और वीवी पैट के मेंटनेंस के लिए भी 20 लाख के बजट का प्रावधान किया गया है. इस प्रकार इस लोकसभा चुनाव में कुल 790 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है.
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