विक्रमशिला गंगेटिक डॉल्फिन सेंचुरी में डॉल्फिन व मगरमच्छ समेत अन्य जलीय जीव की सुरक्षा के लिए वन प्रमंडल भागलपुर की ओर से एक तकनीकी पहल की जा रही है. इसके तहत सेंचुरी में आवाजाही करने वाले नाव, जहाज, मोटरबोट व अन्य तरह के जलयान में बोट बैड या बजर मशीन लगायी जायेगी. इस मशीन में जियो लोकेशन डाटा सेव रहेगा. अगर नाविक अपने नाव को तय रास्ते से इधर-उधर ले जाता है तो अलार्म बजने लगेगा. दरअसल बजर मशीन लगाने का मकसद यह है कि नाव को जलीय जीवों के विचरण करने वाले इलाकों से दूर रखा जाये. प्रमंडलीय वन्य पदाधिकारी श्वेता कुमारी ने बताया कि डॉल्फिन सेंचुरी में चलने वाले सभी तरह के जलयान में इस डिवाइस को लगाना अनिवार्य होगा. इस मशीन का पेटेंट वाइल्ड लाइफ कंजरवेशन ट्रस्ट बेंगलुरु के पास है. ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने भागलपुर आकर पहले चरण का ट्रायल पूरा कर लिया है. टेस्टिंग के बाद अब विभिन्न तरह के सुधार भी किये जा रहे हैं. गंगा नदी में आवाजाही करने वाले नाव अगर तय लोकेशन से बाहर निकलता है तो बजर मशीन से अलार्म बजेगा. नाविक को पता चल जायेगा कि इस एरिया में नाव को प्रवेश नहीं कराना है. इससे डॉल्फिन व मगरमच्छ समेत अन्य जलीय जीवों को कोई परेशानी नहीं होगी.
नाव में लगे पंखे से जलीय जीव को नुकसान
इस समय गंगा नदी में जेनरेटर से संचालित कई नावों का परिचालन हो रहा है. इस जेनरेटर के सहारे नाव के नीचे एक तेज धार का लोहे का पंखा चलता है. इसके फोर्स से नाव आगे बढ़ती है. कई बार तेज गति से चल रहे पंखे से टकराकर डॉल्फिन समेत अन्य जीवों को नुकसान पहुंचता है. ऐसे में जलयान को डॉल्फिन या मगरमच्छ के आवासीय क्षेत्र में घुसने से रोकने के लिए यह पहल की जा रही है.
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