आसनसोल . कोयला तस्करी में सीबीआइ का मामला और आर्म्स एक्ट व जान से मारने के प्रयास में सीआइडी के मामले के बीच बुरी तरफ फंसे आरोपी कोयला कारोबारी जयदेव मंडल ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आखिरकार सीआइडी के पास सरेंडर कर दिया. आसनसोल सीजेएम अदालत से जयदेव के खिलाफ 30 अप्रैल को अरेस्ट वॉरंट जारी हुआ था. इसे लेकर सीआइडी जयदेव की तलाश में खाक छान रही थी. अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए जयदेव ने पहले जिला अदालत में अग्रिम जमानत की अपील की, जो खारिज होने के बाद कलकत्ता हाइकोर्ट की खंडपीठ में अर्जी दी गयी, तो वह भी खारिज हो गयी. आखिरकार आरोपी सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. सूत्रों की मानें, तो सुप्रीम कोर्ट से भी उसे राहत नहीं मिली और 24 मई को सुप्रीम कोर्ट ने उसे तीन हफ्ते के अंदर सरेंडर करने का निर्देश दिया. उसके बाद जयदेव ने सीआइडी के पास सरेंडर कर दिया. वह कोर्ट में भी सरेंडर कर सकता था, पर इससे सीआइडी की नाराजगी झेलनी पड़ती, इसलिए वह सीआइडी के पास सरेंडर किया. शनिवार को उसे अदालत में पेश किया गया. जांच अधिकारी ने सात दिनों की पुलिस रिमांड की अपील की. अदालत ने उसे चार दिनों का रिमांड मंजूर किया. क्या है पूरा मामला: 30 अक्तूबर 2023 को आसनसोल नॉर्थ थाना क्षेत्र अंतर्गत एनएच-19 पर चंद्रचूड़ मोड़ के पास स्थानीय कन्यापुर रघुनाथबाटी इलाके के निवासी व व्यवसायी दिनेश गराई पर गोली चली थी. उसकी शिकायत के आधार पर आसनसोल नॉर्थ थाना में कांड संख्या 454/23 में आइपीसी की धारा 341/ 323/ 307/ 325/ 120बी/506/34/427 और 25/27/35 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था. श्री गराई ने टिंकू प्रसाद, बंटी प्रसाद, संजीत, चंदन, रामेश्वर, मुर्तजा, गुलाम, बाबू, लालू और जयदेव मंडल को नामजद आरोपी बनाया था. इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था. बाकी छह को गिरफ्तार नहीं कर पायी. इसबीच यह मामला राज्य सरकार ने सीआइडी को सौंप दिया. सीआइडी भी अबतक छह में से किसी एक को भी गिरफ्तार नहीं कर पायी. इस बीच अदालत से सभी के खिलाफ 30 अप्रैल को गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ. जिसे लेकर आरोपियों को गिरफ्तार कारने की मुहिम शुरू हुई. एक भी आरोपी गिरफ्तार नहीं हुआ. कांड में सबसे दबंग व्यक्ति जयदेव सीआइडी के चंगुल में खुद आ गया. कोयला तस्करी कांड में सीबीआइ की विशेष अदालत आसनसोल में 21 मई को चार्ज हियरिंग होनी थी. अदालत ने चार्जशीट में नामजद सभी आरोपियों को अदालत में उपस्थित होने को कहा था. जयदेव मंडल और नारायण नंदा अनुपस्थित रहे. इन दो आरपियों के वकील ने अदालत को मेडिकल ग्राउंड को कारण बताया. इसपर सरकारी पक्ष के वकील ने आपत्ति जतायी थी. इस दिन चार्ज हियरिंग की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई, अगली तारीख तीन जुलाई को दी गयी. इस दिन सभी लोगों को उपस्थित रहने को कहा गया. विशेष करके दोनों अनुपस्थितों को. जयदेव के लिए एक ओर सीबीआइ और दूसरी ओर सीआइडी थी. सीआइडी को गिरफ्तारी वारंट मिला हुआ है, वह अपनी कार्रवाई करेगी, यदि तीन जुलाई को सीबीआइ अदालत में हाजिर नहीं हुआ तो वहां से भी कोई कठोर निर्णय आ सकता है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट से भी निराश होकर उसने सीआइडी के समक्ष सरेंडर कर दिया.
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