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इंज्यूरी रिपोर्ट पर विवाद, हथुआ अस्पताल के डीएस और दारोगा हुए आमने-सामने

हथुआ अनुमंडलीय अस्पताल के डीएस और मीरगंज थाने की महिला दारोगा इंज्यूरी रिपोर्ट को लेकर आमने-सामने हैं. डीएस ने दारोगा पर अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है. वहीं, दारोगा ने कोर्ट का हवाला देते हुए समय पर इंज्यूरी रिपोर्ट टाइम पर नहीं देने का आरोप लगाया है.

उचकागांव. हथुआ अनुमंडलीय अस्पताल के डीएस और मीरगंज थाने की महिला दारोगा इंज्यूरी रिपोर्ट को लेकर आमने-सामने हैं. डीएस ने दारोगा पर अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है. वहीं, दारोगा ने कोर्ट का हवाला देते हुए समय पर इंज्यूरी रिपोर्ट टाइम पर नहीं देने का आरोप लगाया है. अस्पताल के डीएस डॉ रमेश राम ने अपने पत्र में लिखा है कि मीरगंज थाने की दारोगा नेहा कुमारी ने 16 मई 2024 को ज्ञापांक 1863, 1864, 1865 और 1866 से जख्म प्रतिवेदन की मांग करने के लिए चिकित्सा पदाधिकारी को पत्र लिखा है, जो बीते 21 मई 2024 को कार्यालय में प्राप्त हुआ है. उपरोक्त जख्म प्रतिवेदन की मांग वाले पत्रों में मरीज के इलाज की तिथि और रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं लिखा गया है. इसके पूर्व संबंधित दारोगा द्वारा जख्म प्रतिवेदन की मांग भी नहीं की गयी थी जबकि चिकित्सा पदाधिकारी के द्वारा सभी जख्म प्रतिवेदन को पूर्व में ही लिखा जा चुका है. प्राप्त पत्रों में मरीज के इलाज की तिथि और रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं लिखे होने के कारण चिकित्सा पदाधिकारी को जख्म प्रतिवेदन देने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. मीरगंज थाने की दारोगा नेहा कुमारी के द्वारा भेजे गये पत्र में अस्पताल के उपाधीक्षक और चिकित्सा पदाधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई करने की धमकी देने से अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी अपने आपको अपमानित महसूस कर रहे हैं और संबंधित दारोगा के प्रति काफी नाराजगी है. वहीं दारोगा नेहा कुमारी जख्म प्रतिवेदन प्राप्त करने के लिए स्वयं उपस्थित नहीं होती है. मामले में हथुआ अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक ने मीरगंज थानाध्यक्ष किशोरी चौधरी को पत्र भेजकर उपरोक्त विषय पर विचार करते हुए संबंधित दारोगा पर कार्रवाई करने की मांग की है, इससे ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो. इस संबंध में उपाधीक्षक ने सिविल सर्जन, डीएम, एसपी और एसडीपीओ हथुआ को भी प्रतिलिपि भेजी गयी है. उधर, मामले में मीरगंज इंस्पेक्टर किशोरी चौधरी ने बताया कि कोर्ट के द्वारा बार-बार जख्म प्रतिवेदन का मांग की गयी है. जिसके आलोक में बार-बार स्मार पत्र देने के बावजूद अनुमंडलीय अस्पताल से जख्म प्रतिवेदन नहीं दिया गया. इसके कारण नियम 91 के तहत नोटिस जारी किया गया है. धमकी की कोई बात नहीं है.

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