एडी खुशबू, कोढ़ा. अगर आदमी के अंदर जुनून के साथ परिश्रम की क्षमता हो, तो वह किसी भी क्षेत्र में अपनी सफलता के द्वार खोल देता है. बढ़ती बेरोजगारी के बीच युवाओं ने नयी पहल की है. खेतीबारी, मुर्गी फॉर्म खोलने व बटेर पालने का क्रेज तेजी से बढ़ा है. कई लोग पशुपालन व खेती में नयी इबारत लिख चुके हैं. ऐसी ही मिसाल कटिहार जिले के कोढ़ा प्रखंड की बिषहरिया पंचायत के सिसिया गांव निवासी युवा किसान पवन कुमार सिंह ने कायम की है. पारंपरिक कृषि के साथ साथ मिश्रित कृषि करते हुए बटेर पालन पर जोर दे रहे हैं. आज उनकी मेहनत रंग ला चुकी है. बेहतर आमदनी प्राप्त कर रहे हैं. युवा किसान पवन कुमार सिंह ने बटेर पालन व्यवसाय के कारण क्षेत्र में अलग पहचान बनायी है.
बटेर व बतख पालन कर बनायी पहचान
पवन कुमार सिंह बटेर का पालन कर किस्मत संवार रहे हैं. निजी जमीन पर घर के समीप फार्म बनाकर बटेर का पालन करते हैं. पवन ने बताया कि फार्म में फिलहाल तकरीबन दो हजार बटेर का पालन कर रहे हैं. बटेर का बाजार भी बेहतर मिल रहा है. यही कारण है कि वह इस व्यवसाय से प्रभावित होकर बतख पालन का भी कार्य कर अपनी आय में बढ़ोतरी कर रहे हैं.
45 दिन में तैयार हो जाता है बटेर
युवा किसान पवन कुमार सिंह ने बताया कि बटेर एक वर्ष में चार से पांच बार अंडे देते हैं. इसी से बटेर का चूजा होता है. उनकी बेहतर देखभाल करते हुए पालन पोषन करते हैं. 45 दिन में तैयार हो जाता है. इस व्यवसाय में बटेर बेचने कहीं बाहर नहीं जाना होता है. खुद बाहर के व्यापारी व ग्रामीण आकर खरीद कर ले जाते हैं. बटेर को बाजार से मिलने वाला आहार नहीं खिलाते हैं. खुद से तैयार किया आहार खिलाते हैं. खेती-गृहस्थी के बाद बटेर पालन में भी समय देते हैं. बटेर पालन के दौरान फार्म में साफ- सफाई पर विशेष ध्यान देना पड़ता है. बीच-बीच में चूना का छिड़काव करना पड़ता है. फिलहाल प्रारंभिक दौर में दो हजार बटेर का पालन कर रहे हैं. जबकि और बढ़ाने की योजना है. क्योंकि इस रोजगार में अच्छे भविष्य की संभावना नजर आती है.
यू-ट्यूब से मिली बटेर पालन की जानकारी
पवन ने बताया कि मैट्रिक परीक्षा पास करने के बाद गांव में रोजगार नहीं मिलने के कारण अन्य प्रदेश चले गये. वहां भी मन नहीं लगने के कारण वापस आ गये. व्यवसाय की तलाश में इधर-उधर भटक रहे थे. इसी दौरान यू-ट्यूब से देखकर आइडिया आया कि बटेर पालन कर बेहतर आमदनी कमायी जा सकती है. तब हम हाजीपुर पटना से बटेर का चूजा लाये और बटेर पालन कर रहे हैं. यूट्यूब देखकर ही बटेर पालन कर रहे हैं और बेहतर आमदनी हो रही है.
50 हजार लगाया, लाखों की हुई आमदनी
सिसिया ग्राम के युवा किसान पवन कुमार सिंह ने बताया कि पहले हम खेती के साथ-साथ मवेशी पालन भी करते थे. उसमें बेहतर मुनाफा नहीं होने के कारण 50 हजार रुपये की लागत लगाकर बटेर पालन करने लगे. बटेर पालन का धंधा बेहतर रहा. बटेर पालन से लाखों रुपये कमा रहे हैं.
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