संवाददाता, कोलकाता
लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद विभिन्न एजेंसियों के एग्जिट पोल के नतीजे सामने आये हैं. एग्जिट पोल के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में भाजपा तृणमूल कांग्रेस पर भारी पड़ रही है. राज्य में लोकसभा की कुल 42 सीटें हैं. एग्जिट पोल में राज्य में भाजपा को तृणमूल कांग्रेस से अधिक सीटें मिलने की संभावना जतायी गयी है. हालांकि, एग्जिट पोल के नतीजे मानने से मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने इनकार कर दिया है. एक निजी चैनल व पोर्टल को दिये साक्षात्कार में मुख्यमंत्री ने कहा : एग्जिट पोल के नतीजे पर मैं विश्वास नहीं करती हूं. यह पूरी तरह से ‘फेक’ (फर्जी) है. राज्य के तृणमूल कार्यकर्ताओं से कहना चाहूंगी कि वे आश्वस्त और मजबूत रहें. राज्य में तृणमूल का बेहतर नतीजा रहेगा. तृणमूल से जुड़े लोग सतर्क रहें, ताकि मतगणना के दौरान कोई गड़बड़ी नहीं हो.
सुश्री बनर्जी ने आगे कहा कि अभी मतगणना होना बाकी है. कोई मीडिया और एजेंसी अभी कैसे कह सकती है कि कौन सीट से जीत सकता है या नहीं. यह एग्जिट पोल क्या ‘पैसे के खेल’ का हिस्सा है? मैं इन एजेंसियों व मीडिया की भविष्यवाणी को नहीं मानती हूं. राज्या में तृणमूल अच्छा स्कोर करेगी. मैंने राज्य में वर्ष 2016 और 2021 में हुए विधनसभा चुनावों और वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर एग्जिट पोल के नतीजों को देखा था, लेकिन उनकी भविष्यवाणी तो सही साबित नहीं हुई. असल में एग्जिट पोल उन एजेंसियों द्वारा करवाये गये हैं, जो भाजपा की ही ‘कंपनी’ है. इसपर कोई विश्वास नहीं है.” बंगाल में तृणमूल को कितनी सीटें मिलने की संभावना है, इस प्रश्न पर तृणमूल सुप्रीमो ने कहा कि “मैं किसी संख्या के बारे में अभी कुछ नहीं कहना चाहती हूं. गत दो महीनों तक राज्य के अलग-अलग हिस्सों में गयी हूं और जहां भी गयी, मुझे नहीं लगा कि लोग तृणमूल को समर्थन नहीं करेंगे. दूसरे राज्यों की बात रही है, तो मुझे उम्मीद है कि ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी, तेजस्वी यादव की राष्ट्रीय जनता दल, महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की पार्टी,अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और तमिलनाडु में स्टॉलिन की पार्टी डीएमके का नतीजा बेहतर हो सकता है. जिन राज्यों में भाजपा के खिलाफ रहने वाली क्षेत्रीय दलों की बेहतर स्थिति है, वहां रिजल्ट बेहतर हो सकता है. एग्जिट पोल में जो ‘मोदी की सरकार’ के फिर वापसी की बात कह रहे हैं. उनसे कहना चाहूंगी कि यह इस बार इतना आसान नहीं है.
इस बार कांटे की टक्कर हुई है.
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