रांची. सामलौंग स्थित लुर्द की माता मरियम चर्च में रविवार को प्रभु यीशु ख्रीस्त का शरीर और रक्त का पर्व मनाया गया. सामलौंग पल्ली के 58 बच्चों (26 लड़के और 22 लड़कियां) ने पहला परम प्रसाद संस्कार ग्रहण किया. मिस्सा समारोह के मुख्य अनुष्ठाता पल्ली पुरोहित फादर मैक्सीमास टोप्पो थे. उन्हें सहायक पुरोहित फादर आनंद लकड़ा, फादर ऑगस्टीन केरकेट्टा और आर्चबिशप हाउस पटना से आये फादर कुलदीप कुमार ने सहयोग किया. फादर मैक्सीमास ने कहा कि प्रभु यीशु ख्रीस्त का शरीर और रक्त हमारे ख्रीस्तीय जीवन का आधार है. परम प्रसाद संस्कार पारिवारिक यूखरिस्त समारोह है, जिसके द्वारा हम सभी को आत्मिक शक्ति प्राप्त होती है. उन्होंने कहा कि ईश्वर ने हमें अपने प्रेम में एकजुट होने के लिए यूखरिस्त की स्थापना की है. इसके द्वारा हम सब एक हो जाते हैं. उन्होंने बच्चों को कहा कि जो खुशी आज आप सभी को प्राप्त हो रही है, उसे जीवन भर बरकरार रखें.
अंडमान से पहुंचे विश्वासियों ने की आराधना
अंडमान से रांची पहुंचे झारखंडी मूल के लोगों ने रविवार सुबह मेन रोड स्थित क्राइस्ट चर्च में आराधना की. उन्होंने इस ऐतिहासिक चर्च के इतिहास के बारे में भी जानकारी ली. चर्च में आराधना का संचालन बिशप सीमांत तिर्की ने किया. मौके पर रेव्ह निशांत गुड़िया और रेव्ह निरल बागे भी उपस्थित थे. पोर्ट ब्लेयर से आयी ज्योतिमनी बागे ने कहा : मैं पहली बार रांची आयी हूं. इससे पूर्व यहां के बारे में सिर्फ सुना ही था. क्राइस्ट चर्च में आकर काफी अच्छा लगा. आर्गन की मधुर धुन पर प्रार्थना करना अलग अनुभव था. दीपा टोपनो ने कहा कि यहां काफी ज्यादा गर्मी है. फिर भी ऐतिहासिक स्थलों को देखना और घूमना अच्छा लगा. इससे पूर्व बिशप सीमांत तिर्की ने कहा कि ईश्वर सर्वशक्तिमान सृष्टिकर्ता है, जिसने मनुष्यों को बनाया है. परमेश्वर कहता है कि हम (मनुष्य) अपनी सारी बुद्धि, सारी शक्ति के साथ उसे प्रेम करें. परमेश्वर यह भी कहता है कि पड़ोसी को अपने समान प्रेम करें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है