BJP: लोकसभा चुनाव के तमाम एग्जिट पोल में भाजपा और एवं सहयोगी दलों के बड़ी जीत बतायी गयी है. इस एग्जिट पोल को लेकर एनडीए उत्साहित है और भाजपा को उम्मीद है कि चुनावों में जीत मिलना तय है. ऐसे में मंगलवार को होने वाली मतगणना से पहले सोमवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर एक बड़ी बैठक हुई. इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संगठन महासचिव बीएल संतोष, सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, मनसुख मंडाविया, भाजपा महासचिव विनोद तावड़े और तरुण चुघ के अलावा अन्य कई राज्यों के प्रभारी शामिल हुए. बैठक में सभी सात चरणों के मतदान की समीक्षा की गयी और भाजपा को मिलने वाली सीटों का विश्लेषण किया गया. पार्टी को उम्मीद है कि एक बार फिर केंद्र में भाजपा की अगुवाई में सरकार बनना तय है और यह बहुमत पिछले लोकसभा चुनाव से अधिक होगा.
बैठक में किन मुद्दों पर हुआ मंथन
बैठक की जानकारी देते हुए भाजपा महासचिव विनोद तावड़े ने कहा कि इसमें लोकसभा चुनाव की समीक्षा की गयी. सभी सात चरण में हुए मतदान प्रतिशत के अलावा कुछ जगहों पर हुई कम वोटिंग के कारणों की समीक्षा की गयी. साथ ही मतगणना को लेकर पार्टी की तैयारी और रणनीति पर भी विचार किया गया. मतगणना के दौरान सभी बूथों पर एजेंट की मौजूदगी और गिनती के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों पर भी विस्तृत चर्चा की गयी. भाजपा का मानना है कि चुनाव परिणाम को लेकर विपक्ष भ्रम फैलाने की कोशिश करेगा और विपक्ष के भ्रम की राजनीति को कंट्रोल करने के उपायों पर भी बैठक में चर्चा कर रणनीति बनायी गयी.
भावी रणनीति पर हुआ मंथन
जमीनी स्तर पर मिले फीडबैक के आधार पर भाजपा को एक बार फिर केंद्र की सत्ता पर काबिज होने का पूरा भरोसा है. पार्टी का मानना है कि दक्षिण के राज्यों में पिछली बार के मुकाबले पार्टी को अच्छी सफलता मिलने वाली है, जबकि उत्तर के राज्यों में पिछला प्रदर्शन दोहराने की पूरी उम्मीद है. ऐसे में पार्टी ने चुनाव में जीत मिलने पर जश्न कैसे मनाया जाए, इसके रोडमैप पर भी चर्चा की. साथ ही हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों पर लोकसभा नतीजों का क्या असर हो सकता है इसपर भी चर्चा की गयी. सूत्रों का कहना है कि पार्टी का मानना है कि केंद्र में मोदी सरकार एक बड़े जनादेश के साथ तीसरी बार वापसी कर रही है. लेकिन कई राज्यों में पार्टी क्लीन स्वीप की स्थिति में नहीं हैं. ऐसे में विधानसभा के दौरान भाजपा को राज्य की सत्ता कैसे मिल सकती है, इन सभी विकल्पों पर विचार किया गया.