बासुकिनाथ. ज्येष्ठ सोमवारी को बाबा फौजदारीनाथ दरबार में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी. पूजा कर सुख-समृद्धि की कामना की. वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पंडितों ने षोडशोपचार विधि से पूजा करायी. करीब 40 हजार शिवभक्तों ने भोलेनाथ का जलाभिषेक किया. पुजारी ने भगवान भोलेनाथ की विधिवत पूजा व शृंगार पूजा की. चार बजे भोर से मंदिर प्रांगण में भक्तों का तांता लगा रहा. सरकारी पूजा के दौरान पुरोहित ने षोडशोपचार पूजा के द्वारा बाबा की विशेष पूजा की. सरकारी पूजा के बाद मंदिर गर्भगृह का गेट भक्तों के लिए खोल दिया गया. सुबह से ही जलार्पण सिलसिला शुरू हुआ. वह शाम तक चलते रहा. श्रद्धालुओं ने शिवगंगा में आस्था की डुबकी लगायी. पंडित आशुतोष झा ने बताया कि सोमवारी पर शिव के पंचाक्षरी मंत्र का जो भक्त 108 बार करता है, उसे पापों से मुक्ति मिलती है. शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस दिन जो भी सच्चे मन और विश्वास के साथ भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. इसके साथ ही भक्तों ने मनौतियों को लेकर बच्चों के मुंडन संस्कार, भोलेनाथ व माता पार्वती का गठबंधन, शृंगार पूजन, शांति पूजन, जप अनुष्ठान, महामृत्युंजय मंत्र जप, कालसर्प दोष शांति पूजन समेत अन्य धार्मिक अनुष्ठान नियम निष्ठा पूर्वक संपन्न कराये. मंदिर परिसर हर-हर महादेव के नारे से गुंजायमान रहा. फोटो: बासुकिनाथ मंदिर में पूजा प्रार्थना करते श्रद्धालुओं की भीड़
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