23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आयरन की कमी एनीमिया का है मुख्य कारण, बचाव के लिए उचित आहार जरूरी

एनीमिया होने का सबसे मुख्य कारण शरीर में आयरन की कमी होना है. इसलिए इससे बचाव के लिए उचित पोषण आहार बेहद जरूरी है.

लखीसराय. एनीमिया होने का सबसे मुख्य कारण शरीर में आयरन की कमी होना है. इसलिए इससे बचाव के लिए उचित पोषण आहार बेहद जरूरी है. आहार में बदलाव ही इस बीमारी से बचाव के लिए सबसे सरल उपाय है, यह बीमारी खून में पर्याप्त स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाएं या हीमोग्लोबिन कम होने से होता है. इसलिए लक्षण दिखते ही तुरंत इलाज करायें और चिकित्सा परामर्श का पालन करें, अन्यथा थोड़ी सी लापरवाही बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकती है, इससे घबराने की भी जरूरत नहीं है. ऐसे में समय पर जांच के लिए अस्पताल जाने के साथ चिकित्सकों की सलाह माननी चाहिये.

आयरनयुक्त खाने का करें सेवन

जिले के सिविल सर्जन डॉ बीपी सिन्हा ने बताया कि आयरन की कमी के कारण एनीमिया होता है. इसलिए इस बीमारी से बचाव के लिए लोगों को आहार बदलना होगा एवं आयरन युक्त आहार का सेवन करना होगा, अन्यथा थोड़ी सी लापरवाही जान पर भारी पड़ सकती है.

ये हैं एनीमिया के लक्षण

एनीमिया की बीमारी का शुरुआती लक्षण थकान, कमजोरी, त्वचा का पीला होना, दिल की धड़कन में बदलाव, सांस लेने में तकलीफ, चक्कर आना, सीने में दर्द, हाथों और पैरों का ठंडा होना, सिरदर्द, त्वचा सफेद दिखना आदि है, ऐसा लक्षण होते ही ससमय इलाज करायें.

प्रोटीन युक्त खाने का करें सेवन

एनीमिया के दौरान प्रोटीन युक्त खाने का सेवन करें. जैसे कि पालक, सोयाबीन, चुकंदर, लाल मांस, मूंगफली , मक्खन, अंडे, टमाटर, अनार, शहद, सेब, खजूर आदि प्रोटीन युक्त आहार का सेवन करें, जो कि आपके शरीर की कमी को पूरा करता है एवं हीमोग्लोबिन जैसी कमी भी दूर होती तथा इससे आपको एनीमिया बीमारी से बचाव मिल सकता है.

लौह तत्वयुक्त चीजों का करें सेवन

एनीमिया से बचाव के लिए लौह तत्वयुक्त चीजों का सेवन करें, यहां तक कि सब्जी भी लोहे की ही कढ़ाई में बनायें. लोहे की कढ़ाई में सब्जी बनाने से आयरन की मात्रा काफी बढ़ जाती है.

चिकित्सकों की सलाह का करें पालन

एनीमिया के दौरान आप तुरंत किसी अच्छे चिकित्सक से दिखायें एवं चिकित्सकों के अनुसार आवश्यक जांच करायें. जिसके बाद चिकित्सकों के अनुसार चिकित्सा परामर्श का पालन करें, जो आपके लिए फायदेमंद साबित होगा.

गर्भवती महिलाएं रखें विशेष ख्याल

यह बीमारी महिलाओं में अधिक पायी जाती है, खासकर गर्भवती महिलाओं को गर्भस्थ शिशु के विकास के लिए शरीर में रक्त का निर्माण करना पड़ता है. जिसमें कमी होने के कारण एनीमिया होने की प्रबल संभावना हो जाती है. इसलिए गर्भवती महिला को गर्भधारण के दौरान लगातार हीमोग्लोबिन समेत अन्य आवश्यक जांच करानी चाहिये एवं चिकित्सा परामर्श का पालन करना चाहिये.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें