मुजफ्फरपुर. आयकर विभाग ने नये फाइनेंशियल इयर के लिए कॉस्ट इनफ्लेशन इंडेक्स की घोषणा कर दी है. इस इंडेक्स का इस्तेमाल जमीन, शेयर और गहनों की बिक्री से लंबे समय में होने वाले कैपिटल गेन की गणना के लिए किया गया है. सीबीडीटी की तरफ से यह नोटिफिकेशन इसलिए जारी किया गया है क्योंकि चीजों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में पुरानी चीज की बिक्री पर ज्यादा फायदा होगा और इस तरह के फायदे पर आयकर विभाग टैक्स लेगा. टैक्सेशन बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप वर्मा ने कहा कि कर दाताओं से कितना टैक्स लेना है, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि उसने जो चीज बेची है, उसे कब खरीदा था. इसके लिए आयकर विभाग ने कॉस्ट इंफेलेशन इंडेक्स जारी किया है. वर्ष 2024-25 के लिए यह सूचकांक 363 है. इससे पहले वर्ष 2023-24 के लिए 348 था. वहीं वर्ष 2022-23 के लिए यह 331 था. दरअसल साल दर साल जैसे-जैसे चीजों के दाम बढ़ते हैं, वैसे ही पुराने समान की बिक्री पर फायदा होता है. इस फायदे पर आयकर विभाग टैक्स लगाने के लिये कॉस्ट इंफेलेशन इंडेक्स जारी करता है.
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