महाराजगंज. प्रखंड में लोहिया स्वच्छता योजना के तहत 10 पंचायतों में अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई का निर्माण किया गया. जिसमें गांव-गांव से स्वच्छता कर्मी कचरे का उठाव कर इस इकाई में लाने लगे. पहले फेज में प्रखंड के पोखरा व तक्कीपुर पंचायत में अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई का निर्माण कराया गया. पंचायत में एक स्वच्छता पर्यवेक्षक के साथ सभी वार्ड में एक-एक स्वच्छता कर्मी की बहाली की गयी. डस्टबिन से लेकर कचरा उठाव के संसाधन इस यूनिट के तहत उपलब्ध कराये गये. घर-घर जाकर ठोस व तरल कचरा का उठाव प्रारंभ कर दिया गया. सभी कर्मियों को पहले वर्ष में एसबीएम के माध्यम से मानदेय का भुगतान भी हुआ. इन दो पंचायतों में स्वच्छता कर्मियों के मेहनताना राशि 26-26 लाख रुपए पंचायत के खाते में सरकार के द्वारा भुगतान भी किया गया. तक्कीपुर पंचायत में कर्मियों के यूजर चार्ज के नाम पर कुछ हद तक वसूली भी हुई. तक्कीपुर में भुगतान दुरुस्त होने पर कचरा प्रबंधन चल रहा है. पोखरा पंचायत में पिछले साल जनवरी से कचरा प्रबंधन का कार्य शुरू हुआ. जिसमें 35 स्वच्छता ग्राही रखे गए थे. प्रति दिन प्रत्येक वार्ड के गृह स्वामियों से कचरा वसूला गया. बाद में जिला से पत्र आने पर प्रत्येक वार्ड में दो स्वच्छता ग्राही रखा गया. बाकी को हटा दिया गया. उसके बाद से राशि नहीं मिली है. फरवरी 24 से कचरा का उठाव बंद है. वहीं दूसरे फेज में बालियां, देवरिया, जिगरावा ,बालऊ में डब्लूपी बनकर तैयार है. कचरा का उठाव भी मजदूर करने लगे लेकिन मेहताना भुगतान की राशि अभी तक भुगतान नहीं होने के स्थिति में उपरोक्त पंचायत के कई वार्डों में मजदूर काम बंद कर दिए हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार कचरा यूनिट निर्माण के साथ हीं उपरोक्त 8 पंचायतों के एसएलडब्लू खाते में 23-23 लाख रुपए भी डाल रखी है .बावजूद मजदूरों के भुगतान नहीं होने से मजदूर काम बंद कर रहे हैं . कार्यरत स्वच्छता ग्राही को प्रतिदिन 100 रुपया के दर से भुगतान करना है. ब्लॉक को ऑर्डिनेटर संतोष कुमार ने बताया कि ब्लॉक के तक्कीपुर में नियमित कचरा वसूली चल रहा है. उपरोक्त आठ पंचायतों के एसएलडब्लू खाते में 23-23 लाख रुपए भी यूनिट निर्माण के साथ सरकार राशि डाल रखी है. बावजूद मजदूरों के भुगतान नहीं होने से मजदूर काम बंद कर रहे हैं. वहीं रिसौरा, तेघड़ा, तेवथा, पंचायतों में डब्लूपी बनकर तैयार है. लेकिन कचरा उठाव की सामग्री की खरीदारी अभी नहीं हुई है, जिससे वहां कचरा का उठाव नहीं हो रहा है. माधोपुर पंचायत में डब्लूपी निर्माणाधीन है. कचरा प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना हो रही है, लेकिन पूर्व में निर्मित कचरा प्रबंधन यूनिट में कार्य करने वाले मजदूरों की भुगतान नियमित नहीं होने से मजदूर काम बंद कर अपने अन्य रोजी-रोटी की तलाश में लग जा रहे हैं. जिससे कचरा का उठवा बंद है. पोखरा के मुखिया रत्नेश्वर यादव ने बताया कि कचरा उठाव में सभी घरों को 30 रुपया प्रति माह देना है जिससे कर्मियों को मानदेय के रूप में दिया जा सके. लेकिन ग्रामीण नहीं दिए. जिसके कारण मजदूरों का भुगतान नहीं हो पाया है. धीरे-धीर ग्रामीण भी सफाई के बदले यूजर चार्ज देने में परहेज करने लगे. घर के पास गड्ढे खोदकर तरल अपशिष्ट अपने खेत में ही जमा करने लगे हैं. वहीं ठोस कचरे को कबाड़ वाले से बेचने लगे. बोले प्रखंड समन्वयक : लोकसभा चुनाव बाद मजदूरों के मजदूरी का भुगतान होगा. जिस पंचायत में राशि अगर सोख्ता निर्माण में खर्च हो गयी है, वहां के लिए जिला से राशि की मांग की गयी है. राशि उपलब्ध होते हीं मजदूरों के मेहनताना की राशि भुगतान कर दी जायेगी. संतोष कुमार, प्रखंड समन्वयक, महाराजगंज
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