बरहट. समेकित बाल विकास परियोजना कार्यालय बरहट अपने कार्यकलाप को लेकर इन दिनों सुर्खियों में है. अधिकारी से लेकर कर्मी तक कोई भी विभागीय कार्य को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं. जानकारी के अनुसार विभाग की ओर से आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों के लिए विटामिन की दवा दी गयी, जिसे सभी केंद्राें पर बच्चों के बीच वितरित किया जाना था, लेकिन इसे लेकर बाल विकास परियोजना कार्यालय बरहट उदासीन बना रहा. पहले तो कार्यालय के मुख्य द्वार के समीप विटामिन की दवा को कूड़े-कचरे में रखवा दिया गया था. इसे लेकर 26 मई को अखबार में खबर प्रकाशित होने के बाद अधिकारियों के द्वारा उसे वहां से उठवाकर व कार्टून में पैक कर रखवा दिया गया. लेकिन अब दवा को वितरित कराने की बजाय आंजन नदी के पास कुकुरझप नहर में फेंक दिया गया. इसे लेकर एक वीडियो भी सामने आया है. हालांकि इस वीडियो की प्रभात खबर पुष्टि नहीं करता है. वीडियो में देखा जा सकता है कि जिस जगह पर दवा फेंकी गयी है, वहां पर एक छोटा पुल है और पानी भी जमा हुआ है. सौ से अधिक विटामिन की बोतल व टेबलेट पानी में यहां उपलते दिख रहा है. इसका भनक स्थानीय लोगों को तब लगी जब वे नहर की ओर गये थे. किसी ने वीडियो बनाकर इसे सोशल मीडिया पर डाल दिया. बताते चलें कि जहां पर दवा फेंकी गयी वहां से प्रखंड परियोजना कार्यालय की दूरी करीब दो किलोमीटर है. इसके साथ ही आधा किलोमीटर की दूरी पर आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 46 जावातरी, आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 39 और आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 84 रविदास टोला संचालित है. इसे लेकर पूछे जाने पर पहले तो प्रखंड बाल विकास परियोजना पदाधिकारी कुमारी बिंदु कुछ भी बोलने से परहेज करते रही. बार-बार पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि कार्यालय से सभी सेविका को दवा देते हुए बच्चों को देने का निर्देश दिया गया था. दवा वहां किसके द्वारा फेंक दी गयी है उसे हम देखते रहें. सोचने वाली बात यह है कि जिनके कंधों पर 1 से 6 साल के बच्चों के शैक्षणिक विकास के साथ-साथ शारीरिक विकास की जिम्मा हो. वे इस तरह की बातें करें तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे अपने कार्य के प्रति कितने गंभीर हैं. सूत्रों की मानें तो प्रभात खबर में खबर प्रकाशित होने के बाद पदाधिकारी हरकत में आये और जहां पर दवा वितरित नहीं की गयी थी उन सभी आंगनबाड़ी केंद्र पर वितरण करने का निर्देश दिया गया था. इस पर कार्यालय के एक कर्मी ने एक सेविका के पति को कार्यालय में बुलाकर दवा को जंगली इलाके में फेंक देने की सलाह दी थी. इसके बाद सेविका के पति ने टोटो पर लोडकर दवा को जंगली इलाके में फेंक दिया. मामले में स्थानीय ग्रामीण महेंद्र सिंह, वीर विजय, विकास सिंह, दिनेश यादव, धर्मेंद्र सिंह, कृष्णानंद दास समेत अन्य लोगों ने बच्चों की भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले ऐसे कर्मी पर जिला प्रशासन से कार्रवाई करने की मांग की. ग्रामीणों ने कहा कि कार्यालय परिसर के समीप लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज की जांच करने पर सब कुछ पता चल सकता है.
कहते हैं पदाधिकारी:
मामले में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी रेखा कुमारी ने बताया कि सभी केंद्र पर बच्चों को विटामिन की दवा देने का निर्देश दिया गया था. इसके बावजूद दवा फेंक दी गयी है, तो इसकी जांच करा कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है