एनटीपीसी कहलगांव में सोमवार को आस-पास की बालिकाओं को सशक्त बनाने के लिए बालिका सशक्तीकरण अभियान प्रारंभ किया गया. तीन से 28 जून चार सप्ताह तक चलने वाली इस आवासीय कार्यशाला में परियोजना प्रभावित विभिन्न प्राथमिक विद्यालय के 10-12 आयुवर्ग के 120 ग्रामीण बालिकाएं हिस्सा ले रही हैं. अभियान का मुख्य उद्देश्य एनटीपीसी परियोजना के आसपास रहने वाली सुविधा विहीन बालिकाओं को हर तरीके से शिक्षित और सशक्त बनाना है. एनटीपीसी कहलगांव आवासीय परिसर के अंग भवन में आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ अजय शर्मा, परियोजना प्रमुख व शैफाली शर्मा, अध्यक्षा सृष्टि समाज ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. परियोजना प्रमुख ने कहा कि एनटीपीसी परियोजना के आसपास गांव की बालिकाओं के उत्थान के प्रयासों के तहत बालिकाओं को सशक्त बनाने के साथ ही उन्हें बुनियादी शिक्षा, स्वास्थ्य एवं आत्मरक्षा के लिए जागरूक किया जा रहा है. यह मिशन विशेष रूप से बालिकाओं में रचनात्मकता, सामाजिक एवं भावनात्मक विकास, मनोवैज्ञानिक विकास को बढ़ावा देता है. बालिकाओं के व्यक्तित्व व प्रतिभा को निखारने के लिए विभिन्न गतिविधियों में योग, ड्राईंग-पेन्टिग, नृत्य व संगीत, खेलकूद, आत्मरक्षा के लिए ताइक्वाडो, अकादमिक अध्यापन गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान व कंम्प्यूटर शिक्षा का प्रशिक्षण कुशल शिक्षिकाओं द्वारा दिया जायेगा. मौके पर सृष्टि समाज की सदस्यों तथा डीएवी पब्लिक स्कूल व केंद्रीय विद्यालय की छात्राओं ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” थीम पर आधारित मनमोहक रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया. मौके पर चंद्रसिस घोषदस्तीदार, महाप्रबंधक (तकनीकी सेवा), राकेश चौहान, महाप्रबंधक (एफजीडी) हफीजुर रहमान मल्लिक, महाप्रबंधक (ईंधन प्रबंधन), प्रभात रंजन बारीक, महाप्रबंधक (अनुरक्षण) सौरभ शर्मा, अपर महाप्रबंधक (मानव संसाधन) डॉ सुष्मिता सिंह , सीएमओ (जीवन ज्योति चिकित्सालय) के साथ प्रतिभागी बच्चियों उनके अभिभावक के साथ-साथ परियोजना के सभी वरिष्ठ अधिकारी, यूनियन व एसोसिएशन के प्रतिनिधि व सृष्टि समाज के वरिष्ठ सदस्य और एनटीपीसी कर्मी उपस्थित थे.
बंदर ने दर्जन भर लोगों को किया जख्मी
प्रखंड के चांदपुर में एक बंदर ने दो दिन तक जम कर उत्पात मचाया. बंदर ने दर्जन भर लोगों को दांतों से काट कर जख्मी कर दिया, जिसमें बड़े और बच्चे शामिल हैं. बंदर ने दो दिनों तकआतंक मचाया कि लोगों ने घर से निकलना बंद कर दिया. बंदर गांव में किसी पर भी झपट पड़ता था. गांव के लोगों ने बंदर भगाने के काफी उपाय किये, लेकिन वह भाग ही नहीं रहा था. सोमवार को गांव के लोगों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी, तो वन विभाग की टीम बंदर को पकड़ अपने साथ ले गयी. गांव के लोगोंं ने राहत की सांस ली.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है