Lok Sabha Election Results : लोकसभा चुनाव के जो नतीजे अब तक सामने आए हैं उसमें एनडीए को बहुमत मिलता तो नजर आ रहा है, लेकिन जो सबसे बड़ा सवाल उभरकर सामने आ रहा है, वो ये है कि क्या बीजेपी अपने दम पर सरकार बना पाएगी? अभी तक के रुझानों में बीजेपी को अकेले 242 सीट पर बढ़त हासिल है, जबकि एक सीट वह पहले ही जीत चुकी है,जहां का प्रत्याशी निर्विरोध चुना गया है. इस लिहाज से बीजेपी 243 सीट पर बढ़त बनाए हुए है, वहीं इंडिया गठबंधन को 236 सीट मिलती दिख रहा है. अकेले कांग्रेस की बात करें तो उसे 95 सीटों पर बढ़त हासिल है, समाजवादी पार्टी को 36 सीटों पर बढ़त हासिल है. टीएमसी को 31 और डीएमके को 21 सीटों पर बढ़त हासिल है.वहीं बात अगर टीडीपी की करें, तो उसे 16 सीट हासिल है, जबकि जदयू को 15 सीट पर बढ़त मिल रही है. वहीं लोकजनशक्ति पार्टी को पांच सीट पर बढ़त हासिल है.
2019 में बीजेपी के पास थी 303 सीट
2019 के चुनाव पर नजर डालें तो बीजेपी के पास 303 सीटें थीं, जबकि एनडीए को 353 सीटें मिलीं थीं. पिछले चुनाव में कांग्रेस पार्टी को सिर्फ 52 सीटें मिली थीं, उस लिहाज से कांग्रेस को 42 सीटों का फायदा हो रहा है जबकि बीजेपी को 62 सीट का नुकसान हो रहा है. बीजेपी के आंकड़ों पर अगर ध्यान दें तो उसे उत्तर प्रदेश में बड़ा नुकसान हुआ है. उत्तर प्रदेश में पिछले चुनाव में बीजेपी को 62 सीट मिली थी, जबकि इस चुनाव में बीजेपी महज 34 सीट पर आगे चल रही है. जबकि इंडिया गठबंधन 43 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जिसमें सपा 36 और कांग्रेस सात सीटों पर आगे है. पिछले चुनाव में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को सिर्फ रायबरेली सीट पर जीत मिली थी.
![Lok Sabha Election Results : एनडीए को रुझानों में बहुमत, लेकिन बीजेपी अकेले नहीं बना पाएगी सरकार 1 Data Of Lok Sabha Election 2024](https://www.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/2024/06/data-of-lok-sabha-election-2024-1024x683.jpg)
उत्तर प्रदेश में सपा को 36 सीट पर बढ़त
इन हालात में अगर ये रुझान परिणाम में बदले तो बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में तो उभरेगी, लेकिन वह अपने दम पर सरकार बनाती नहीं दिख रही है. इस परिस्थिति में सहयोगी पार्टियों की एनडीए में पैठ बढ़ेगी और वे ज्यादा निर्णायक भूमिका में आ सकते हैं. वहीं बात अगर इंडिया गठबंधन की करें, तो उन्हें जिस तरह का सकारात्मक संकेत मिल रहा है, उनके हौसले बुलंद हैं और टीएमसी और सपा जैसी पार्टियां भी अपनी भूमिका को सचेत हो गई है. टीएमसी ने तो बैठक भी शुरु कर दी है.