सैनिक स्कूल गणपत राय सलारपुरिया सरस्वती विद्या मंदिर में चल रहे आचार्य प्रशिक्षण वर्ग के तीसरे दिन मंगलवार को कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्वलन से हुआ. मौके पर किशनवीर सिंह शाक्य ने कहा कि शिक्षा स्वयं जीवन है. शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जिसमें सांस्कृतिक जागरूकता व सहानुभूति, दृढ़ता व धैर्य, टीम वर्क, नेतृत्व, संचार हो. शिक्षा युवाओं को वर्तमान व भविष्य की विविध राष्ट्रीय व वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करना है. शिक्षा का मूल उद्देश्य छात्रों की पिछली सीख को आगे बढ़ना और शिक्षार्थियों के कौशल व दृष्टिकोण के विकास पर काम करना है. इस अवसर पर फणीश्वर नाथ, रिसोर्स पर्सन डॉ पूजा, नकुल कुमार शर्मा, रमेश मणि पाठक, उमाशंकर पोद्दार ,राकेश नारायण, प्रधानाचार्य नीरज कुमार आदि मौजूद थे.
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