लखीसराय. शहर में मकान तोड़ने को लेकर भी नगर परिषद के द्वारा सहमति पत्र लिया जाता है. मकान को तोड़ने से पूर्व नगर परिषद में मकान मालिक द्वारा एक आवेदन दिया जाता है. जिसके आलोक में नगर परिषद के द्वारा कार्रवाई की जाती है. नगर परिषद से नो ड्यूज प्राप्त करना जरूरी होता है, लेकिन शहर में नगर परिषद के बिना सहमति के ही मकान को तोड़ा जा रहा है. नगर परिषद कार्यालय की कुछ ही दूरी पर एक आलीशान मकान को तोड़ा गया है, लेकिन नगर परिषद के द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं किया गया. नगर परिषद के अधिकृत इंजीनियर दिलखुश कुमार ने जब मकान तोड़ने की जांच पड़ताल की तो पता चला कि नगर परिषद के द्वारा कोई अनापत्ति पत्र नहीं लिया गया है. इंजीनियर दिलखुश ने बताया कि नगर परिषद के बकाया के अलावा गैस एवं बिजली कनेक्शन के बकाया आदि देखकर ही नगर परिषद के द्वारा मकान तोड़ने की परमिशन दिया जाता है, लेकिन मकान मालिक के द्वारा परमिशन नहीं ली गयी है.
बोले अधिकारी
नगर प्रबंधक कुमार गौतम ने बताया कि इंजीनियर दिलखुश कुमार की रिपोर्ट पर मकान मालिक के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि मकान मालिक को सबसे पहले नोटिस भेजा जायेगा. इसके बाद नोटिस के जवाब आने के बाद अगली कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है