सुजीत कुमार सिंह, औरंगाबाद चितौड़गढ़ के नाम से मशहूर औरंगाबाद संसदीय क्षेत्र का अभेद किला आखिरकार ध्वस्त हो गया. 71 वर्षों के इस अभेद किले में क्षत्रियों का राज रहा है. राजपूतों के अलावा इस सीट पर किसी भी जाति के प्रत्याशी ने जीत हासिल नहीं की थी. 1952 से लेकर 2019 तक राजपूतों का ही कब्जा रहा, लेकिन 2024 के चुनाव में तमाम समीकरण ध्वस्त हो गये और महागठबंधन के राजद प्रत्याशी अभय कुशवाहा ने अभेद किले में सेंध लगा दी. भारतीय जनता पार्टी के निवर्तमान सांसद सुशील कुमार सिंह को पराजित किया. बड़ी बात यह है कि सिर्फ एक राउंड छोड़कर सभी राउंडों में राजद प्रत्याशी ने सुशील सिंह को करारी शिकस्त दी. ज्ञात हो कि औरंगाबाद संसदीय क्षेत्र से नौ प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे थे. महागठबंधन और एनडीए के बीच सीधा मुकाबला रहा. अन्य प्रत्याशियों ने एक तरह से दम तोड़ दिया और उनकी जमानत जब्त हो गयी. तीसरे नंबर पर सर्वाधिक मत पाने में नोटा का जलवा रहा. हर राउंड में अभय का अजेय जलवा औरंगाबाद लोकसभा सीट से उम्मीद के विपरीत महागठबंधन प्रत्याशी अभय कुशवाहा ने जीत हासिल की. मतगणना प्रारंभ होते ही पहले राउंड से ही अभय कुशवाहा ने बढ़त बना ली. उन्होंने यह बढ़त लगातार अंतिम राउंड तक बनाये रखा और अंततः विजयी हुए. हालांकि, बीच में सिर्फ 14वें राउंड में भाजपा प्रत्याशी सुशील कुमार सिंह आगे हुए. इस राउंड में इन्हें 18020 वोट मिले. जबकि महागठबंधन समर्थित राजद प्रत्याशी अभय को 17828 मत मिले. इसके बाद अन्य सभी राउंड में अभय ने दो से चार हजार वोट की बढ़त बनायी रखी, जिससे उनकी जीत आसान होती चली गयी. बढ़ते राउंड के साथ वोट का अंतर भी बढ़ता चला गया, जिससे महागठबंधन के समर्थकों में उत्साह दिखा तो वहीं एनडीए खेमे में उदासी छायी रही. वोटों की गिनती अलग-अलग भवन में विधानसभा वार की गयी. जैसे ही एक राउंड की गिनती पूरी होती तो एनडीए कार्यकर्ता एक-दूसरे से मिलते और एक-दूसरे विधानसभा के चुनाव परिणाम से वाकिफ होते. सभी विधानसभा में एक साथ शुरू से अंत तक सभी राउंड में अभय कुशवाहा ने बढ़त बनाये रखी. किसी भी राउंड में उन्होंने एनडीए उम्मीदवार सुशील कुमार सिंह को वोटों से आगे बढ़ने का मौका नहीं दिया और अंततः पटकनी दे दी.
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