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World Environment Day : पर्यावरण विज्ञान में संवारें कल

दुनिया भर में जून की पांच तारीख को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जायेगा. दुनिया भर में पर्यावरण संरक्षण को लेकर चिंता और जागरूकता बढ़ने के साथ ही एनवायर्नमेंटल साइंस यानी पर्यावरण विज्ञान एक महत्वपूर्ण विषय बन कर उभरा है. जानें पर्यावरण विज्ञान में कैसे बना सकते हैं करियर

World Environment Day : पर्यावरण संरक्षण आज वैश्विक मुद्दा है और भारत समेत कई देश अपने-अपने स्तर से इस दिशा में काम कर रहे हैं. इसके साथ ही एनवायर्नमेंटल साइंस के जानकारों के लिए मौकों में भी इजाफा हुआ है. देश के कई प्रतिष्ठित संस्थान इन विषयों में डिग्री कोर्स से लेकर शोध पाठ्यक्रम तक संचालित करते हैं. इस विषय के साथ आप कैसे पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भविष्य बना सकते हैं, जानें विस्तार से

जानें क्या है पर्यावरण विज्ञान

पर्यावरण विज्ञान असल में विज्ञान की एक शाखा है, जो मूल रूप से पारिस्थितिकी, भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, मृदा विज्ञान, भू-विज्ञान, वायुमंडल विज्ञान तथा भूगोल से मिल कर बनी है. लेकिन, पर्यावरण विज्ञान में इन विषयों के अध्ययन के साथ पर्यावरण से संबंधित समस्याओं का समाधान तलाशने का प्रयास भी शामिल है. यह मनुष्य को पर्यावरण के महत्व और इसके संरक्षण के बारे में सिखाता है. इस तरह इसमें एक व्यापक कार्य क्षेत्र भी उपलब्ध है, जैसे अनुसंधान एवं शोध, वन और वन्य जीव प्रबंधन, पर्यावरण जागरूकता एवं संरक्षण, पर्यावरण पत्रकारिता आदि.

कोर्स, जिनसे बनेगी भविष्य की राह

एनवायर्नमेंटल साइंस को आमतौर पर एमएससी प्रोग्राम के तौर पर पढ़ाया जाता है. इसलिए साइंस से ग्रेजुएशन के बाद इसे एक विषय के रूप में चुन कर इसमें आगे बढ़ सकते हैं. एनवायर्नमेंटल साइंस में एमएससी कर सकते हैं यहां से – इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट, नयी दिल्ली. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरू. वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, देहरादून. बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी, मुंबई. इसके अलावा दिल्ली यूनिवर्सिटी एनवायर्नमेंटल स्टडीज में एमए/एमएससी एवं जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय एनवायर्नमेंटल साइंस में एमएससी, एमफिल एंव पीएचडी करने का मौका देता है. सेंटर फॉर पॉल्यूशन कंट्रोल एंड बायोवेस्ट एनर्जी, पुडचेरी यूनिवर्सिटी से एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग में पीएचडी एवं स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, नयी दिल्ली से एनवायर्नमेंटल प्लानिंग में पीएचड कर सकते हैं. आइपी यूनिवर्सिटी, दिल्ली में एनवायर्नमेंटल मैनेजमेंट/ बायोडाइवर्सिटी एंड काॅन्जर्वेशन/ नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट में एमएससी कोर्स उपलब्ध है.

करियर बनाने के मौके हैं यहां

पर्यावरण विज्ञान की पढ़ाई करनेवाले अधिकतर छात्र वैज्ञानिक या शोधकर्ता के तौर पर आगे बढ़ने का विकल्प चुनते हैं. आप अनुसंधान सहायक या असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर भी करियर शुरू कर सकते हैं. इसके अलावा पर्यावरण जीवविज्ञानी, पर्यावरण सलाहकार, जलविज्ञानी, पर्यावरण पत्रकार आदि के तौर पर भी काम कर सकते हैं. पर्यावरण नीति, योजना और प्रबंधन के लिए काम करनेवाले सरकारी विभागों, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के साथ शहरी विकास मंत्रालय, विश्वविद्यालयों, शोध संस्थानों, जल संसाधन एवं कृषि विभाग, रिफाइनरी कंपनियों, माइंस क्षेत्र में जॉब के मौके उपलब्ध हैं. पर्यावरण विज्ञान के क्षेत्र में काम करनेवाले गैरसरकारी संगंठनों या अंतरराष्ट्रीय संगठनों, यूनाइटेड नेशंस एनवायर्नमेंट प्रोग्राम (यूएनइपी) एवं इंटर-गवर्नमेंट पैनल ऑन क्लाइमेंट चेंज (आइपीसीसी) के साथ काम कर सकते हैं.

एक क्षेत्र को चुन बना सकते हैं पहचान

पर्यावरण कार्यकर्ता : पर्यावरण संरक्षण के प्रति आमजन को जागरूक करने के साथ नदियों और जंगल की सफाई, वनीकरण और वन क्षेत्र के संरक्षण एवं उत्थान का कार्य पर्यावरण कार्यकर्ता करते हैं. इनकी पर्यावरण को प्रभावित करनेवाली राजनीतिक नीतियों में परिवर्तन लाने में भी प्रभावी भूमिका होती है.
पर्यावरण वैज्ञानिक : जैव विविधता, पारिस्थितिक संतुलन, बंजर भूमि प्रबंधन एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण आदि के क्षेत्र में अनुसंधान में पर्यावरण वैज्ञानिक की अहम भूमिका होती है. कई विश्वविद्यालय एवं सरकारी संस्थान पर्यावरण के क्षेत्र में अनुसंधान के अवसर प्रदान करते हैं.
पर्यावरण सलाहकार : स्वतंत्र रूप से बतौर पर्यावरण सलाहकार केंद्र या राज्य सरकार के विभागों या समितियों, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आदि से जुड़ सकते हैं. पर्यावरण से संबंधित कानून के जानकार के तौर पर अपनी एक जगह बना सकते हैं.

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