लखीसराय. अपने पति के दीर्घायु के लिए सुहागिन महिलाओं के द्वारा वट वृक्ष की पूजा अर्चना की जायेगी. इसके लिए जोर-शोर से तैयारियां की जा रही है. बाजार में महिलाओं के द्वारा फल मिठाई के साथ साथ श्रृंगार के सामानों की खरीदारी कर रहे है. शहर के विद्यापीठ चौक के अलावा नयी बाजार के स्टेशन के समीप पचना रोड, कवैया रोड जैसे जगह पर खरीदारों की भीड़ देखी जा रही है. फल, मिठाई के अलावा श्रृंगार के सामान की बिक्री हो रही है. लोग बुधवार को जमकर खरीदारी की है. इस तरह को पूजा में मौसमी फल की डिमांड बढ़ जाती है. खासकर आम, लीची, खीरा आदि जैसे मौसमी फल की डिमांड बढ़ी हुई है.
लीची और आम के भाव में उछाल
लीची, आम के साथ-साथ केला, संतरा, सेब, खीरा के दाम में में काफी वृद्धि देखी जा रही है. वट वृक्ष की पूजा में पंखा का काफी महत्व होता है. लोग हाथ का पंखा खरीदने के लिए भी बाजार में बने हुए हैं. फल में सबसे अधिक महंगा लीची बिक रहा है. 120 रुपये प्रति किलो एक सौ रुपये प्रति किलो आम, बाजार में भुसावल केला 70 से 80 रुपये प्रति दर्जन बिक रहा है. वहीं 60 रुपये प्रति किलो खीरा भी बिक रहा है. दो रुपये प्रति किलो सेब फलों की बिक्री में सामान्य से अधिक दाम होने के बाद भी फल एवं मिठाई की खूब खरीदारी हो रही है.वट वृक्ष के नीचे पंडित सुनाते है सती सावित्री की किस्सा
वट वृक्ष को धोकर उसमें सिंदूर लगाया जाता है. जिसके बाद 108 फेरे लेकर वृक्ष में धागा बांधा जाता है. विद्वान पंडित के अनुसार वृक्ष के कम से कम आठ बार फेर लेकर कच्चा धागा लपेटना चाहिये. वर पूजा के दौरान सत्यवान एवं सावित्री का किस्सा भी सुनाया जाता है. सावित्री के पतिव्रता से खुश होकर जब यमराज उसके पति के प्राण छोड़कर अन्य वर मांगने के लिए कहते हैं, तो सावित्री के द्वारा पुत्रवान होने का वर मांगा जाता है. वर प्राप्त होने के बाद सावित्री अपने पति का प्राण बड़े चालाकी से लौटा लेती है. अपने पति के दीर्घायु होने को लेकर सुहागिन महिलाओं के द्वारा यह पूजा किया जाता है. आचार्य जनार्दन पांडे ने पूजा के विधि को बताते हुए कहा कि गुरुवार की सुबह वट पूजा शुरू हो जायेगा. वट पूजा के बाद कई महिलाओं के द्वारा उपवास भी रखा जाता है, तो कई महिला पूजा के बाद भोजन ग्रहण करती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है