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गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार का सेवन पर्याप्त मात्रा में है जरूरी : सिविल सर्जन

गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार का सेवन पर्याप्त मात्रा में करना बेहद जरूरी है.

भोजन में लें संतुलित एवं संशोधित आहार

किशनगंज.गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार का सेवन पर्याप्त मात्रा में करना बेहद जरूरी है. जिले के सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि भ्रूण पोषण के स्वस्थ विकास को सुनिश्चित करने के लिए गर्भावस्था के दौरान भ्रूण पोषण महत्वपूर्ण है, शिक्षा के जरिये महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान एक संतुलित ऊर्जा और प्रोटीन की मात्रा लेने के लिये प्रोत्साहित किया जाना आवश्यक है.

कुछ महिलाओं को अपने आहार चिकित्सा की स्थिति, खाद्य एलर्जी, या विशिष्ट धार्मिक नैतिक विश्वासों के आधार पर पेशेवर चिकित्सक की सलाह की जरूरत हो सकती है. गर्भावस्था के दौरान महिला की खुराक इस प्रकार होनी चाहिए, जिससे बढ़ रहे भ्रूण, मां के स्वास्थ्य का रख – रखाव, प्रसव के दौरान आवश्यक शारीरिक स्वास्थ्य और सफल स्तन-पान कराने की क्रिया के लिए आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सके , गर्भस्थ शिशु का विकास माता के आहार पर निर्भर होता है.

वहीं गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए हर माह की 9 तारीख को प्रधानमंत्री मातृत्व योजना के अंतर्गत उन्हें अपने स्वास्थ्य का परीक्षण कराते रहना चाहिए.वह उन्हें र बीपी, वजन, हेमोग्लोबिन, यूरिन आदि की जांच की सुविधा मुफ्त मिलती है . स्वास्थ्य को लेकर कभी किसी तरह का संकोच नहीं करना चाहिए. यदि कोई समस्या महसूस हो रही हो तो तत्काल चिकित्सकों से संपर्क करना चाहिए.

आयरन कैल्सियम के साथ पोषण युक्त भोजन का उचित मात्रा में सेवन जरूरी

गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ उर्मिला कुमारी ने बताया कि सभी गर्भवती महिलाओं को आयरन एवं कैल्सियम की गोली का उचित मात्रा में सेवन करना जरूरी है. तभी गर्भावस्था के दौरान महिलाओं व उनके गर्भ में पल रहे बच्चे का उचित शारीरिक व मानसिक विकास हो पायेगा. भ्रूण के लिए प्रोटीनयुक्त आहार अनिवार्य होता है. यदि वह शाकाहारी हो तो उसे विभिन्न अनाजों तथा दालों का प्रयोग करना होगा.खून की कमी न होने पाए, इसलिए शिशु में रक्त वृद्धि के लिए लौह अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है. मां को चीनी के स्थान पर गुड़ का प्रयोग करना चाहिए, बाजरे से बने खाद्यों को खाना चाहिए, साथ ही तिल के बीज और गहरी हरी पत्तियों वाली सब्जी का भरपूर प्रयोग करना चाहिए.

शिशु की हड्डियों और दांतो की वृद्धि के लिए कैल्सियम आवश्यक है. दूध कैल्सियम का अति उत्तम स्रोत है. रागी और बाजरे में भी कैल्सियम उपलब्ध होता है. उसको छोटी सूखी मछली खाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए.गर्भवती महिलाओं के लिए विटामिन महत्वपूर्ण होती है. उसको साग-सब्जियों का भरपूर प्रयोग (विशेष रूप से गहरी हरी पत्तियों वाली) करना चाहिए और खट्टे प्रकार के फलों सहित फलों का प्रयोग करना चाहिए.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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