खोदावंदपुर. प्रखंड मुख्यालय स्थित कर्पूरी भवन के सभागार में बुधवार को खरीफ महाअभियान सह कृषक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया. आत्मा के सौजन्य से आयोजित कार्यक्रम का विधिवत उदघाटन प्रखंड प्रमुख संजू देवी, कृषि विज्ञान केंद्र बेगूसराय के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ रामपाल, प्रभारी बीएओ पारसनाथ काजी, आत्मा अध्यक्ष राम पदारथ महतो, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक पूर्णेन्दु कुमार, कृषि समन्वयक मनोज कुमार, शालीग्राम सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया. इससे पूर्व आगत अतिथियों का स्वागत बुके भेंटकर किया गया. खरीफ महाअभियान में खासकर खरीफ मक्का की खेती पर चर्चा की गयी और किसानों को खरीफ मक्का लगाने के लिए प्रोत्साहित किया गया.इस मौके पर कृषि समन्वयक मनोज कुमार ने बताया कि इसके लिए प्रत्येक पंचायत में 25 एकड़ का दो कलेस्टर बनाया गया है. उन्होंने बताया कि मक्का बीज की खरीद पर किसानों को 150 रुपये प्रति किलो की दर से अनुदान दिया जायेगा. उन्होंने किसानों को मोटे अनाज की खेती के बारे में विस्तार से बताया. साथ ही किसानों को सबौरश्री धान का बीज उपलब्ध कराने का आश्वासन भी दिया. वहीं प्रखंड प्रमुख संजू देवी ने प्रखंड स्तरीय प्रशिक्षण सह उपादान वितरण कार्यक्रम के बारे में विस्तार से चर्चा की. साथ ही किसानों के हित में सरकार द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न कृषि योजनाओं का लाभ लेने की बात कहीं. केविके के वरीय वैज्ञानिक डॉ रामपाल ने पर्यावरण को खतरा होने की चर्चा करते हुए पर्यावरण दिवस की महत्ता के बारे में जानकारी दी. उन्होंने पर्यावरण को बचाने के लिए पेड़ लगाना जरुरी बताया. उन्होंने खेतों में जरुरत से ज्यादा बीज, खाद या दवा का उपयोग नहीं करने की सलाह किसानों को दी. उन्होंने खेती के नए तकनीकों के बारे में किसानों को बताया. तथा रासायनिक खाद के प्रयोग को पर्यावरण के लिए खतरा बताया. इस मौके पर पशु वैज्ञानिक ने कहा कि मक्के में सबसे ज्यादा एनर्जी होती है, इससे पशुओं को काफी परेशानी होती है. इसलिए किसान खेतों में मक्का को पूरी तरह से पक कर तैयार होने दें. उन्होंने पशुओं में होने वाले विभिन्न प्रकार के रोगों की जानकारी दी और इससे बचाव के तरीके भी बतायें. वहीं विक्रमपुर के प्रगतिशील किसान रामकुमार ने किसान कार्बन के बारे में विस्तृत जानकारी दी तथा मरुआ, सामा जैसे फसलों को प्रोटीन वाला फसल बताया. उन्होंने बताया कि सामा डायबिटीज को कंट्रोल करती है जबकि कौनी का चावल खाने से नस रोग से आराम मिलता है. उन्होंने कार्बन विशलेषण का क्रेडिट किसानों को मिलने की बात कही. मौके पर किसान सलाहकार रघुनंदन महतो, अश्वनी कुमार, रंजन रजक, रंजीत राम, शरद ठाकुर, कंचन कुमारी, अरुण कुमार महतो, ओमदानी पासवान समेत अनेक प्रगतिशील किसान मौजूद थे.
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