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राजनीति में सभी एक-दूसरे को पीछे धकलने की फिराक में रहते हैं : दिलीप

श्री घोष ने अपनी चुनावी हार के पीछे 'साजिश’ की ओर इशारा करते हुए बुधवार को कहा कि राज्य में 2021 के विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा अपनी पकड़ को बरकरार रख पाने में नाकाम रही है. यह पार्टी के लिए चिंता का विषय है और इसकी समीक्षा जरूरी है.

कोलकाता.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता दिलीप घोष ने राज्य में लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली करारी हार पर कहा कि आखिर 2021 के बाद राज्य में भाजपा क्यों कमजोर हो गयी, इसके कारणों का पता लगाना होगा. श्री घोष ने अपनी चुनावी हार के पीछे ””साजिश’ की ओर इशारा करते हुए बुधवार को कहा कि राज्य में 2021 के विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा अपनी पकड़ को बरकरार रख पाने में नाकाम रही है. यह पार्टी के लिए चिंता का विषय है और इसकी समीक्षा जरूरी है. श्री घोष ने बुधवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उन्होंने बर्दवान-दुर्गापुर सीट पर पूरी मेहनत से चुनाव लड़ा, लेकिन सफल नहीं हो सके.

वर्ष 2021 में भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष रहे श्री घोष ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनावों के बाद पश्चिम बंगाल में पार्टी अपनी पकड़ क्यों बरकरार रख पाने में नाकाम रही, इसके कारणों का पता लगाये जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पार्टी 2021 तक तेज गति से आगे बढ़ रही थी, लेकिन उसके बाद कैसे अपनी राह से भटक गयी. हम 2021 तक जिस गति से आगे बढ़ रहे थे, उस गति से आगे नहीं बढ़ सके. हमें इस साल बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाये. कुछ कमी जरूर रही होगी. हमें इसकी जांच करनी चाहिए. हर चीज पर चर्चा होनी चाहिए. राजनीति का हिस्सा हैं साजिश जैसी घटनाएं

उन्होंने कहा कि साजिश आदि राजनीति का हिस्सा हैं. वह इन चीजों को इसी प्रकार से मानते हैं. इसके बावजूद उन्होंने लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की, लेकिन सफल नहीं हो सके. श्री घोष ने कहा कि राजनीति में हर कोई आपको पीछे धकेलने की फिराक में बैठा है. गौरतलब है कि दिलीप घोष 2019 में मेदिनीपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीते थे, लेकिन इस बार उन्हें बर्दवान-दुर्गापुर सीट पर तृणमूल कांग्रेस के कीर्ति आजाद के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा.

यह पूछने पर कि क्या सीट बदला जाना भी उनकी हार का एक कारण हो सकता है, जिस पर श्री घोष ने कहा : सब कुछ संभव है. सभी फैसलों के निहितार्थ होते हैं. बंगाल की जनता तय करेगी कि क्या सही है और क्या गलत. जब टीम ने मुझसे कहा, तो मैंने पूरी शिद्दत से उसे अंजाम दिया. मैंने पूरी ईमानदारी से चुनाव लड़ा. मैं एक अनुशासित कार्यकर्ता हूं. मेरी पार्टी ने मुझसे चुनाव लड़ने को कहा, मैंने लड़ा. उन्होंने कहा कि दुर्गापुर-बर्दवान एक मुश्किल सीट थी और जो लागे वहां गये, वे स्वीकार करेंगे कि सीट पर चुनौती थी. जिन लोगों ने मुझे इस सीट के लिए नामांकित किया, वे इस पर विचार करेंगे.

पार्टी नेताओं को एकजुट होकर चलने का किया आह्वान

दिलीप ने कहा कि राजनीति में उत्थान व पतन का दौरा आता रहता है. इस कठिन समय में हम सभी को हार से सीख लेते हुए कमियों को दूर करना होगा और सभी को एकजुट होकर आगे चलना होगा. उन्होंने कहा कि राज्य के लाखों भाजपा कार्यकर्ताओं की उम्मीदें हमसे जुड़ी हैं. इस चुनाव परिणाम की वजह से हजारों कार्यकर्ताओं का आत्मत्याग, बलिदान विफल हो गया, जिसकी वजह से उन्हें फिर से पार्टी के कामों में लाने में दिक्कत होगी. अभी से कुछ नहीं किया गया, तो लोगों का भरोसा पार्टी के ऊपर से उठ जायेगा.

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