24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रघुनाथपाली विधानसभा : मतदाताओं ने परिवारवाद की राजनीति को खारिज किया

रघुनाथपाली विधानसभा क्षेत्र के निवासियों ने परिवारवाद की राजनीति को खारिज कर दिया है. बीजद ने लगातार तीन बार जीतने वाले सुब्रत तराई की पत्नी अर्चनारेखा बेहेरा को टिकट दिया, जिसके बाद असंतोष देखा गया.

राउरकेला. रघुनाथपाली विधानसभा क्षेत्र के निवासियों ने परिवारवाद की राजनीति को खारिज कर दिया है. बीजद ने लगातार तीन बार जीतने वाले सुब्रत तराई की पत्नी अर्चनारेखा बेहेरा को टिकट दिया, जिसके बाद असंतोष देखा गया. भाजपा प्रत्याशी दुर्गाचरण तांती ने अर्चनारेखा को 5774 वोटों से हराया. तांती को 51,189 वोट (43.72%) मिले, जबकि बेहेरा को 45,415 (38.79%) वोट मिले. तीसरे स्थान पर कांग्रेस के गोपाल दास को 17,038 (14.55%) वोट मिले. इस बार इस सीट पर तीन प्रमुख पार्टियों बीजद, भाजपा और कांग्रेस ने नये चेहरे को मौका दिया. भाजपा से दुर्गा तांती ने चुनाव लड़ा, जबकि कांग्रेस से गोपाल दास और बीजद से अर्चनारेखा मैदान में थीं. पहली बार चुनाव लड़ रहे तीन उम्मीदवारों के कारण मतदाता असमंजस में थे. लेकिन सुब्रत के प्रति जनता का असंतोष अर्चनारेखा बेहेरा के लिए काल बन गया. 2019 के चुनावों में हैट्रिक जीत के बाद सुब्रत निर्वाचन क्षेत्र से गायब रहे थे. जिसके बाद उनके खिलाफ गुमशुदगी का पोस्टर लगाने का मामला चर्चा का विषय बना था. वर्तमान चुनाव से लगभग चार-पांच दिन पहले सुब्रत यहां लौटे और विभिन्न बस्तियों का दौरा किया, लेकिन वहां भी उनका विरोध हुआ. परिणामस्वरूप यह स्पष्ट हो गया कि सुब्रत की लोकप्रियता कम हो गयी है. ऐसी चर्चा थीं कि सुब्रत का टिकट कटने की बात साफ होने के बाद बीजद दूसरे नेताओं को मौका देगी. लेकिन ऐन वक्त पर बीजद ने भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देते हुए उनकी पत्नी अर्चनारेखा को टिकट दे दिया, जो पार्टी के लिए बूमरैंग साबित हुआ. दूसरी ओर सुब्रत के खिलाफ इस विरोधी माहौल ने भाजपा उम्मीदवार दुर्गा चरण तांती को काफी फायदा पहुंचाया. अंत तक सुब्रत विरोधी माहौल बना रहा, जिससे तांती की जीत का मार्ग प्रशस्त हुआ

सु्ंदरगढ़ जिले के तीन विस चुनाव में 37514 वोटरों की पसंद बना है नोटा

भारतीय निर्वाचन आयोग (इसीआइ) ने सितंबर, 2013 में इवीएम में नोटा (उपरोक्त से कोई नहीं) का बटन शामिल किया. इसके बाद अगर किसी मतदाता को कोई भी प्रत्याशी पसंद नहीं आता, तो मतदाता इस बटन का इस्तेमाल करते आ रहे हैं. सुंदरगढ़ जिले के मतदाताओं को भी नोटा का बटन रास आने लगा है. 2014, 2019 तथा 2024 के ओडिशा विधानसभा चुनाव में नोटा कुल 37514 वोटरों की पसंद बना है. इन वोटरों ने गत तीन विधानसभा में नोटा का बटन दबाकर किसी को भी अपना जनप्रतिनिधि बनने के योग्य नहीं माना. इनमें से 2014 में सभी सात सीटों पर कुल 14092, 2019 में 10,963 तथा 2024 में 12,659 वोटरों को मिलकर इन तीन चुनाव में 37514 मतदाता नोटा का प्रयोग कर चुके हैं.

2014 में रघुनाथपाली में सबसे अधिक 1523 मतदाताओं ने नोटा दबाया

जानकारी के अनुसार गत 2014 में जिले के सात विधानसभा सीटाें में से राउरकेला में 1091, रघुनाथपाली में 1523, बिरमित्रपुर में 1496, राजगांगपुर में 1105, तलसरा में 2716, सुंदरगढ़ में 2358 तथा बणई में 3803 वोटरों समेत कुल 14092 वोटरों ने नोटा का बटन दिया था. वहीं 2019 में राउरकेला में 889, रघुनाथपाली में 953, बिरमित्रपुर में 1804, राजगांगपुर में 995, तलसरा में 1456, सुंदरगढ़ में 1967 तथा बणई में 2699 वोटराें को मिलाकर कुल 10763 वोटरों को नोटा का बटन भाया था. उसी प्रकार वर्ष 2024 के चुनाव में राउरकेला में 837, रघुनाथपाली में 1203, बिरमित्रपुर में 1909, राजगांगपुर में 1944, तलसरा में 1885, सुंदरगढ़ में 1755 तथा बणई में 3126 वोटरों को कुल 12,659 वोटरों ने नोटा का बटन दबाकर कोई भी प्रत्याशी पसंद न आने की राय दी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें