मुंगेर. विश्व पर्यावरण दिवस पर मुंगेर विश्वविद्यालय के विधि महाविद्यालय विश्वनाथ सिंह विधि संस्थान में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. अध्यक्षता प्राचार्य डॉ राजेश कुमार मिश्रा ने की. उन्होंने कहा कि पृथ्वी पर मौजूद सभी जीवधारी चाहे वह पादप हो अथवा जंतु, सभी के जीवन की रक्षा के लिए पर्यावरण संतुलन आवश्यक है. यदि जीवधारियों की किसी भी जाति का अस्तित्व समाप्त होता है, तो इससे पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. सभी जीवधारी एक-दूसरे पर आश्रित होते हैं. इसलिए जीवन का अस्तित्व तब तक संभव है, जब तक जैव विविधता कायम है. पारिस्थितिकीय तंत्र को संतुलित बनाये रखने के लिए सहअस्तित्व को बनाए रखने की जरूरत है. वर्तमान में संपूर्ण विश्व वैश्विक तापन की समस्या का सामना कर रहा है. इस समस्या का एक ही समाधान है और वह है पर्यावरण का संरक्षण. इसके लिए पृथ्वी पर हरियाली के प्रतिशत को बढ़ाना आवश्यक है. वनों के प्रतिशत में जब तक बढ़ोतरी नहीं होगी, तब तक वैश्विक तापन से निजात नहीं मिल सकती है. शिक्षक नीरज कुमार शुक्ला ने कहा कि पृथ्वी, जल और वायु जीवन के आवश्यक तत्व हैं. यदि इसमें असंतुलन उत्पन्न होता है, तो इसका नकारात्मक प्रभाव जीवधारियों के जीवन पर पड़ता है. शैलेश कुमार मिश्रा ने कहा कि पृथ्वी के समस्त प्राणी अपने दैनिक गतिविधियों के संचालन के लिए एक-दूसरे पर आश्रित हैं. इसलिए सह अस्तित्व को बनाये रखना हम सभी का दायित्व है. कार्यक्रम को पवन कुमार मिश्रा, असीत कुमार, जनार्दन यादव, डा. मनीष कुमार आदि ने भी संबोधित किया. इस क्रम में कालेज के विद्यार्थियों ने भी अपने-अपने विचारों को रखा तथा पर्यावरण के प्रति जागरूकता के लिए प्रदर्शनी भी लगायी. इधर बीआरएम कॉलेज में भी छात्राओं ने कई प्रकार के पौधे लगाये तथा लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया.
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