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जीएनएम स्कूल में एक शिक्षक के सहारे 160 छात्राओं हो रही पढ़ाई

जिले के रामपट्टी स्थित जीएनएम स्कूल में समस्याओं का अंबार है. जीएनएम स्कूल की छात्राओं की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का आलम यह है कि एक शिक्षक के सहारे 160 छात्राओं का पठन-पाठन किया जा रहा है.

मधुबनी. जिले के रामपट्टी स्थित जीएनएम स्कूल में समस्याओं का अंबार है. जीएनएम स्कूल की छात्राओं की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का आलम यह है कि एक शिक्षक के सहारे 160 छात्राओं का पठन-पाठन किया जा रहा है. जानकारों की मानें तो आईएनसी गाइडलाइन के अनुसार प्रति 10 छात्राओं के लिए एक शिक्षक अनिवार्य है. जबकि जीएनएम स्कूल में 160 छात्राओं के लिए एक ट्यूटर पदस्थापित है. जीएनएम स्कूल में डीडीओ का पद अप्रैल से खाली है. जिसके कारण 9 संविदा कर्मियों जिसमें 2-2 महिला एवं पुरुष सफाई कर्मचारी, 2 महिला एवं 3 पुरुष सुरक्षा गार्ड तथा दो नियमित कर्मियों जिसमें 1 शिक्षक व 1 लिपिक को पिछले तीन माह से वेतन नहीं मिला है. इसके अलावे जीएनएम स्कूल से क्लीनिकल ट्रेनिंग के लिए प्रति दिन सदर अस्पताल आने जाने वाली बस के किराये का भी भुगतान नहीं किया गया है.

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व मूलभूत सुविधाओं का भी है अभाव

वर्तमान में जीएनएम स्कूल में सत्र 2022-2025 में 55 एवं 2023-2026 में 60 एवं 2024-2027 में 45 छात्रा नामांकित है. 3 वर्षीय डिप्लोमा कोर्स के बाद जीएनएम स्कूल के छात्राओं की ए ग्रेड नर्स में नियुक्ति होती है. जीएनएम स्कूल से मिली जानकारी के अनुसार सात निश्चय के तहत जीएनएम स्कूल में पढ़ाई, वर्ष 2021 से शुरू हुई. वर्तमान में जीएनएम स्कूल में 1 ट्यूटर के सहारे छात्राओं का वर्ग संचालन किया जा रहा है. जीएनएम प्रशिक्षण स्कूल में शिक्षा प्राप्त कर रही छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का ही अभाव नहीं है बल्कि छात्राओं को छात्रावास में कई मूलभूत समस्याओं से भी रू-ब-रू होना पड़ रहा है. आलम यह है कि तीन वर्षों बाद भी छात्राओं की समुचित देखभाल के लिए सरकार द्वारा एक भी वार्डन पदस्थापित नहीं किया गया है. वहीं छात्राओं के हॉस्टल में शौचालय एवं प्लंबिंग की सुविधा भी दुरुस्त नहीं है. इतना ही नहीं सुदूरवर्ती क्षेत्रों में होने के बाद भी सुरक्षा की दृष्टिकोण से जीएनएम स्कूल में बाउंड्री वॉल नहीं है. जिसके कारण छात्राएं हर हमेशा अपने को असुरक्षित महसूस करती है. जेनरेटर नहीं रहने के कारण विद्युत आपूर्ति बाधित होने के बाद पूरा परिसर अंधेरे में डूब जाता है. सांप एवं बिच्छू भी निकलता है. हालांकि महिला एवं पुरुष सुरक्षाकर्मी की तैनाती की गई है.

एक शिक्षक के सहारे 160 छात्राओं का वर्ग संचालन

जीएनएम प्रशिक्षण स्कूल में 1 शिक्षक के सहारे 160 छात्राओं का शिक्षण कार्य संचालित किया जा रहा है. इससे शिक्षा की गुणवत्ता का सहज ही आकलन लगाया जा सकता है. आईएनसी गाइडलाइन के अनुसार प्रत्येक 10 छात्राओं पर एक शिक्षक अनिवार्य है. ऐसे में जीएनएम स्कूल में राज्य के विभिन्न जिलों से आए छात्राओं के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व प्रशिक्षण पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है. जबकि सरकार द्वारा सात निश्चय योजना के तहत जिले के झंझारपुर, बेनीपट्टी, जयनगर व फुलपरास में एएनएम स्कूल व राजनगर के रामपट्टी में जीएनएम स्कूल का निर्माण किया गया था. छात्राओं के शिक्षण के लिए एक ट्यूटर व एक प्रिंसिपल पदस्थापित किया गया था. इसमें मुकेश कुमार ट्यूटर व स्मिता कुमारी प्रभारी प्रिंसिपल थी. प्रिंसिपल के स्थानांतरण कै बाद अप्रैल 2024 से यह पद रिक्त है. ऐसे में इन छात्राओं के वर्ग संचालन की जिम्मेवारी 1 ट्यूटर पर ही है. इस संबंध में ट्यूटर मुकेश कुमार ने कहा कि तत्कालीन प्रभारी प्राचार्य द्वारा जीएनएम स्कूल की विभिन्न समस्याओं को लेकर जिला स्तर से लेकर राज्य स्तरीय पदाधिकारी को पत्राचार किया गया था. अभी हाल ही में बीएमएसआईसीएल द्वारा छात्राओं के प्रैक्टिकल के लिए लैब में विभिन्न उपकरणों की आपूर्ति की गई है. उन्होंने कहा कि उपलब्ध संसाधनों में बेहतर एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा छात्राओं को दी जा रही है. सिविल सर्जन डॉ नरेश कुमार भीमसारिया ने कहा कि विभागीय स्तर पर जीएनएम स्कूल में ट्यूटर सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त किया जाएगा. लंबित वेतन भुगतान मामले पर सीएस ने कहा कि वैकल्पिक व्यवस्था के तहत जल्द ही डीडीओ का प्रभार दिया जाएगा, ताकि कर्मियों का वेतन भुगतान के साथ ही अन्य कार्यों का निष्पादन निर्बाध रुप से हो सके.

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