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चुनाव के बाद अब आगे की रणनीति तैयार करने में जुटी तृणमूल

लोकसभा चुनाव में राज्य में तृणमूल कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहा. गत बुधवार को भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ की बैठक हुई थी, जिसके एक दिन बाद यानी गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद अभिषेक बनर्जी नयी दिल्ली में ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल कुछ घटक दलों के नेताओं के साथ अलग से बैठक की.

कोलकाता.

लोकसभा चुनाव में राज्य में तृणमूल कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहा. गत बुधवार को भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ की बैठक हुई थी, जिसके एक दिन बाद यानी गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद अभिषेक बनर्जी नयी दिल्ली में ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल कुछ घटक दलों के नेताओं के साथ अलग से बैठक की.

इन दलों में समाजवादी पार्टी (सपा) और आम आदमी पार्टी (आप) भी शामिल रहे. इस दिन सुबह श्री बनर्जी राजधानी दिल्ली में सपा नेता अखिलेश यादव के आवास पहुंचे, जहां दोनों के बीच करीब 40 मिनटों तक बैठक हुई. बैठक को लेकर दोनों ही दलों के नेताओं ने स्पष्ट रूप से कुछ नहीं बताया. हालांकि, उन्होंने इस मुलाकात को शिष्टाचार का एक हिस्सा बताया है. सपा नेता यादव से मिलने के बाद इसी दिन तृणमूल में नंबर दो माने जाने वाले अभिषेक बनर्जी से आप नेता संजय सिंह और राघव चड्डा ने भी मुलाकात की.

गुरुवार की शाम को अभिषेक बनर्जी मुंबई रवाना हो गये. इसी दिन उन्होंने उद्धव ठाकरे से भी मुलाकात की, जिनकी पार्टी शिवसेना (यूबीटी) भी ‘इंडिया’ गठबंधन का घटक दल है. ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल दलों के नेताओं के बीच हुई बैठक के बाद श्री बनर्जी के भाजपा विरोधी ‘इंडिया’ ब्लॉक में शामिल अलग-अलग पार्टियों के नेताओं के साथ बैठक करने से ऐसी अटकलें तेज हो गयीं है कि पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल भी अपनी रणनीति तैयार करने में जुटी है.

असल में इस बार लोकसभा चुनाव के नतीजों ने हर किसी को चौंका दिया है. सबसे बड़ा झटका भाजपा को लगा है, क्योंकि भगवा दल ने चुनाव से पहले 400 पार का नारा दिया था. हालांकि, भाजपा बहुमत के आंकड़े तक भी नहीं पहुंच पायी. सबसे अधिक नुकसान यदि भाजपा को किसी राज्य में हुआ है, तो वह उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल है. उत्तर प्रदेश में सपा और पश्चिम बंगाल में तृणमूल से भाजपा झटका मिला है.

उत्तर प्रदेश की बात करें, तो इस बार लोकसभा चुनाव में वहां का नतीजा भाजपा के पक्ष में नहीं रहा. वर्ष 2019 के चुनाव में 80 में से 62 सीटें जीतने वाली भाजपा की संख्या में बड़ी गिरावट आयी और इस बार 33 सीटों पर आकर उसकी संख्या थम गयी. हालांकि, पिछली बार के मुकाबले सपा ने शानदार प्रदर्शन किया. सपा ने 2024 के चुनावी रण में 37 सीटों पर जीत हासिल की. उत्तर प्रदेश की तरह बंगाल ने भी भाजपा को बड़ा झटका दिया है. साल 2019 में भाजपा ने बंगाल की 42 में से 18 सीटों पर जीत हासिल की थी. हालांकि, इस बार भाजपा अपने विजयी रथ को जारी नहीं रख पायी और उसने इस बार कुल 12 सीटों पर जीत हासिल की. वहीं, तृणमूल ने अपने प्रदर्शन को और बेहतर किया है. 2019 के लोकसभा चुनाव में 22 लोकसभा सीटें जीतने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए इस बार 29 सीटों पर विजयी हासिल की है. उत्तर प्रदेश और बंगाल की सभी लोकसभा सीटों को मिला दिया जाये, तो यह संख्या 122 हो जाती है. दोनों राज्यों की 122 लोकसभा में से सपा और तृणमूल के खाते में 66 सीटें आयी हैं. वहीं, भाजपा को 45 सीटों पर संतोष करना पड़ा है.

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