तरहसी.
तरहसी में गुरुवार को साप्ताहिक बाजार लगता है. यह बाजार लगभग 150 वर्षों से लग रहा है, लेकिन पशु शेड का निर्माण नहीं हो सका है. बाजार में बैल, गाय, बकरी की खरीद-बिक्री की जाती है. यहां तरहसी, पांकी, मनातू, लेस्लीगंज, सतबरवा प्रखंड से खरीद-बिक्री के लिए मवेशी लाये जाते हैं. लेकिन इन बेजुबान पशुओं को इस प्रचंड गर्मी में सुबह से लेकर शाम तक खुले में बांधकर रखा जाता है. यहां उनके लिए न तो छाया की व्यवस्था है और न ही भोजन-पानी की. साप्ताहिक बाजार की प्रत्येक वर्ष नीलामी भी की जाती है. बाजार के टेंडर लेने वाले आदमी भी तैनात रहते हैं, जो पशु विक्रेता से टैक्स भी वसूल करते हैं. उक्त राशि सरकार के खाते में जाती है, लेकिन शेड की व्यवस्था नहीं की गयी है. पशुओं के साथ-साथ क्रेता-विक्रेता पशु मालिक भी खुले आसमान के नीचे खड़े रहने को विवश हैं.एक पशु खरीदार की हो गयी थी मौत :
गत 23 मई को इसी बाजार में मनातू के एक पशु खरीदार विनोद यादव की धूप में रहने के कारण मौत भी हो चुकी है. बाजार में एकमात्र महोगनी का पेड़ है, जो लगभग 10 वर्ष पूर्व लगाया गया है. इसमें एक साथ दर्जनों पशु बांध दिये जाते हैं. जिनको पशु बलपूर्वक इधर-उधर खींचते रहते हैं. जिस कारण महोगनी का पेड़ सूखने के कगार पर है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है