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बिना अनुमति कराया डीप बोरिंग, निगम ने वसूला जुर्माना

शहरी क्षेत्र में जल स्तर नीचे जाने से लोग धड़ल्ले करा रहे डीप बोरिंग

मेदिनीनगर. मेदिनीनगर के शहरी इलाके में पेयजल की समस्या गंभीर बनी हुई है. लाइफ लाइन कोयल नदी सूख जाने के कारण जल स्तर काफी नीचे चला गया है. इस कारण शहर के अधिकांश बोरिंग सूख गये हैं. ऐसी स्थिति में लोग धड़ल्ले से डीप बोरिंग करा रहे हैं. प्रतिदिन दो दर्जन से अधिक जगहों पर डीप बोरिंग करायी जा रही है. जबकि बोरिंग कराने के लिए नगर निगम प्रशासन से अनुमति लेना आवश्यक है. नगर निगम क्षेत्र के वार्ड दो के अघोर आश्रम रोड में उग्रसेन चंद्रवंशी (पिता स्व सरयू राम) ने अपने घर में बोरिंग करायी. लेकिन इसके लिए निगम प्रशासन से अनुमति नहीं ली. गुरुवार की सुबह लोगों को पता चला कि 500 फीट से अधिक बोरिंग करायी गयी है. लोगों ने इसकी सूचना निगम के नगर आयुक्त मोहम्मद जावेद हुसैन एवं जल शाखा के सिटी मैनेजर को दी. जिसके बाद निगम प्रशासन हरकत में आया. नगर आयुक्त के निर्देश पर सिटी मैनेजर दिलीप कुमार व पाइप लाइन इंस्पेक्टर छोटेलाल गुप्ता ने पूरे मामले की जांच की. पता चला कि बिना अनुमति के ही उग्रसेन चंद्रवंशी ने अपने घर में बोरिंग करायी है. जिसके बाद उन पर छह हजार रुपये जुर्माना लगाया. उग्रसेन चंद्रवंशी ने गुुरुवार को निगम कार्यालय में जुर्माने की राशि जमा की. मालूम हो कि बगैर अनुमति के बोरिंग कराने पर अघोर आश्रम रोड के तीन लोगों पर जुर्माना लग चुका है. इधर, बैरिया, निमियां, रेड़मा, शाहपुर, सुदना सहित अन्य मुहल्ले में धड़ल्ले से डीप बोरिंग हो रहा है और निगम प्रशासन इससे बेखबर है. नगर आयुक्त का कहना है कि जिस इलाके में बोरिंग हो रही है, वहां के लोग इसकी सूचना दें. किसी भी स्थिति में अधिक गहराई तक बोरिंग कराने की अनुमति निगम प्रशासन नहीं देता है. डीप बोरिंग के कारण भी कई लोगों के घर में लगा चापानल सूख रहा है. इसे लोगों को समझना होगा.

पानी का दो कनेक्शन लेने का आरोप :

उग्रसेन चंद्रवंशी पर अवैध तरीके से दो पानी कनेक्शन लेने का भी आरोप है. स्थानीय लोगों ने निगम प्रशासन ने इसकी शिकायत की है. कहा है कि उग्रसेन चंद्रवंशी के घर में पहले से ही पानी का एक कनेक्शन था. मंगलवार की रात उन्होंने कटर मशीन से पीसीसी सड़क तोड़वाकर पानी का दूसरा कनेक्शन जलापूर्ति पाइप से जोड़ा है. सिटी मैनेजर समिता भगत ने बताया कि इसकी जांच करायी जा रही है. जांच के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा कि कनेक्शन वैध है या अवैध.

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