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मॉनसून निकट, पर अब तक शहर के नालों की नहीं हुई सफाई

बरसात के पूर्व शहर के नालों की सफाई कार्य पूर्ण कर लेने की मुहिम इस बार फेल होती नजर आ रही है. मानसून के दस्तक देने में अब जहां एक सप्ताह से भी कम का वक्त रह गया है, ऐसे समय में शहर के अधिकांश मुहल्लों की नालियों की सफाई कार्य पूर्ण न होने से लोगों की चिंता बढ़ गयी है. हाल यह है कि समय से सफाई कार्य पूर्ण न होने की स्थिति में शहर के अधिकांश मुहल्लों को जलजमाव का सामना करना पड़ सकता है.

सीवान. बरसात के पूर्व शहर के नालों की सफाई कार्य पूर्ण कर लेने की मुहिम इस बार फेल होती नजर आ रही है. मानसून के दस्तक देने में अब जहां एक सप्ताह से भी कम का वक्त रह गया है, ऐसे समय में शहर के अधिकांश मुहल्लों की नालियों की सफाई कार्य पूर्ण न होने से लोगों की चिंता बढ़ गयी है. हाल यह है कि समय से सफाई कार्य पूर्ण न होने की स्थिति में शहर के अधिकांश मुहल्लों को जलजमाव का सामना करना पड़ सकता है. मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक इस बार जून के दूसरे सप्ताह के प्रारंभ में ही मानसून के दस्तक देने की उम्मीद है. आमतौर पर बरसात पूर्व ही अभियान चलाकर शहरी क्षेत्र के नालों की सफाई की जाती है. इस बार मानसून सही समय पर दस्तक देगा. बरसात में शहर में जलजमाव की स्थिति बननी आम बात हो गयी है. नगर परिषद व जिला प्रशासन द्वारा शहर से जलजमाव की समस्या को दूर करने को लेकर प्लान तैयार करने की बात कही जाती है, लेकिन जब जलजमाव की स्थिति खत्म हो जाती है, तो मास्टर प्लान भी ठंडे बस्ते में पड़ जाता है. हाल यह है कि अभी तक शहर के नालों की सफाई का कार्य शुरू नहीं हुआ है. ऐसे में इस वर्ष भी शहर को जलजमाव की स्थिति से छुटकारा कैसे मिलेगा, इसको लेकर लोग चिंतित हैं. नगर क्षेत्र के सभी बड़े नालों से लेकर छोटी नालियां जाम पड़ी हुई हैं. इससे पानी की निकासी संभव नहीं दिख रही है. जबकि, विभाग द्वारा शहर व नालों की सफाई पर प्रतिमाह 15 से 18 लाख रुपये खर्च किया जाता है. इसके बाद भी नालों की जो स्थिति है, वह चिंता बढ़ाने वाली ही है. बताते चलें कि शहर में छोटे-बड़े सैकड़ो नाले हैं. इन सभी नालों की सफाई अभी से शुरू की जाये, तो करीब 20 जून तक भी पूरा नहीं हो सकता है. लेकिन, अब तक नप अफसरों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है, जिसके कारण नाले की सफाई शुरू नहीं हुई है. नतीजा इस बार भी शहर में जलजमाव होना तय है, क्योंकि पिछले साल भी नालों की सफाई अधूरी होने से बारिश के मौसम में शहर के कई वार्डों में जलभराव हुआ था, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा था. इस बार भी वैसी ही स्थिति बन सकती है. बरसात में जलजमाव की समस्या से पूरा नगर परिषद क्षेत्र जूझता है, लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी महादेवा सलेमपुर, नयी बस्ती, मालवीय नगर, पकड़ी बंगाली, रामनगर, लक्ष्मीपुर, एमएम कालोनी, मखदुम सराय पंचमंदिरा, आनंद नगर, इस्लामिया नगर, मौली के बथान समेत अन्य प्रमुख मुहल्लों में बसे लोगों के सामने उत्पन्न होती है. इन मुहल्लों में पूरे मानसून सड़कों पर पानी जमा रहता है, जहां आमलोगों के लिए घरों से बाहर निकलना किसी मुसीबत से कम नहीं होता है. मानसून के पहले ही शहर के अस्पताल रोड स्थित पकड़ी मोड पर सड़क पर जलजमाव की स्थिति बनी हुई है. लोगों का कहना है कि मानसून के पहले यह स्थिति है तो जब मानसून आ जायेगा तो फिर इस स्थान पर क्या होगा. आज तकरीबन तीन महीने से सड़क पर ही नाले का पानी बह रहा है. कई बार स्थानीय लोगों ने वार्ड पार्षद सहित नगर परिषद के पदाधिकारियों से इसकी शिकायत की, लेकिन अब तक न ही नालों की सफाई हुई और न ही जलजमाव से निजात के लिए कोई उपाय हुआ. इधर, इस जलजमाव की स्थिति को देख स्थानीय लोग काफी चिंतित हैं.

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