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वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग व प्रसूता के लिए बना दवा काउंटर बंद, मरीज हलकान

मरीज के इलाज के दौरान कुव्यवस्था को लेकर चर्चा में रहने वाला सदर अस्पताल में गुरुवार को लापरवाह कर्मचारियों का एक और कारनामा सामने दिखा जहां वरिष्ठ नागरिक विकलांग एवं प्रसूता महिलाओं के लिए बनाया गया दवा काउंटर बंद दिखा.

जहानाबाद.

सदर अस्पताल में कर्मियों की मनमानी रुकने का नाम नहीं ले रही है. मरीज के इलाज के दौरान कुव्यवस्था को लेकर चर्चा में रहने वाला सदर अस्पताल में गुरुवार को लापरवाह कर्मचारियों का एक और कारनामा सामने दिखा जहां वरिष्ठ नागरिक विकलांग एवं प्रसूता महिलाओं के लिए बनाया गया दवा काउंटर बंद दिखा. काउंटर नंबर तीन बंद रहने से चिकित्सकों से इलाज कराने के बाद दवा लेने पहुंचे मरीज हलकान दिखे. बूढ़े, बुजुर्ग, महिला, पुरुष, दिव्यांग एवं प्रसूताओं को उमस भरी गर्मी में दवा लेने के लिए घंटों लंबी कतार में खड़े होकर इंतजार करना पड़ा. सामान्य महिला एवं पुरुष के लिए ओपीडी भवन में खोले गए एक एवं दो नंबर दवा काउंटर पर वयस्क महिला-पुरुष तो गर्मी में भी जद्दोजहाद कर अपनी बीमारी का दवा लेते दिखे लेकिन वृद्ध महिलाओं, पुरुष भीड़ देखकर कतार में खड़े होने की हिम्मत नहीं जुटा रहे थे. ऐसे में कई मरीज दीवार की ओट में पड़े छांव में बैठ कर धूप से बचाव करते हुए भीड़ खत्म होने का इंतजार करते दिखे. सबसे हैरान करने वाली बात तो यह है कि लोगों को गर्मी के दिनों में दवा लेने में हो रही परेशानी से अस्पताल प्रशासन भी बेखबर थी. पदाधिकारी को बगैर जानकारी दिए हुए दवा काउंटर पर तैनात कर्मी काउंटर बंद किये हुए थे. अस्पताल प्रबंधक रितिका को जब इस बात की जानकारी दी गयी तो उन्होंने पहले तो तीन काउंटर खुले रहने की बात बतायी, लेकिन जब प्रभात खबर के संवाददाता ने तीन नंबर काउंटर के बंद रहने की तस्वीर व वीडियो दिखाया तो वह हैरत में पड़ गयी. इसके बाद उन्होंने तत्काल मोबाइल के माध्यम से जानकारी ली तो दवा वितरण कक्ष के कर्मियों ने पहले तो अपने बचाव में काउंटर खुला रहने की बात कर दी लेकिन जब उन्होंने कहा कि मेरे पास तीन नंबर काउंटर बंद रहने की तस्वीर व वीडियो आया है तो बताया गया कि कुछ देर के लिए ड्यूटी पर तैनात कर्मी बाहर चले गये थे. हालांकि कर्मियों के दावे से स्थल पर नजारा कुछ अलग था. घंटों से काउंटर बंद कर कर्मी मौज-मस्ती कर रहे थे और इधर लाचार मरीज तपती धूप में परेशान हो रहे थे. ऐसे में सवाल यह उठता है कि मरीज की हर छोटी-बड़ी बीमारियों को दूर करने का दावा करने वाला सदर अस्पताल के कर्मी मरीज के प्रति कितना संजीदा है.

क्या कहते हैं अधिकारीपहले खोला गया था. बीच में स्टाफ कहीं चले गये थे जिसकी वजह से बंद था. दवा वितरण शुरू करा दिया गया है. रीतिका, प्रबंधक, सदर अस्पताल, जहानाबाद

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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